रामपुर बुशहर: रामपुर बाजार में 9 जून को हुई बहुचर्चित दिव्या आत्महत्या केस में सीआईडी की जांच रिपोर्ट आने के बाद रामपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर दिव्या के परिजन सवाल उठाने लगे हैं। इस मामले में पहले जांच अधिकारी डीएसपी रामपुर की कार्यप्रणाली के खिलाफ मामला उठने पर मामला एसआईटी व सीआईडी को सौंपा गया था।
इस आत्महत्या के मामले में आज रामपुर में फिर एक बार पत्रकार वार्ता की गई। पत्रकार वार्ता के दौरान मामा वीरेंद्र भलुनी ने कहा कि सीआईडी द्वारा इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ दो धाराएं और जोड़ने से यह साबित हो गया है कि इस मामले में रामपुर पुलिस ने गड़बड़ की है। रामपुर पुलिस ने अभियुक्तों को बचाने के लिए एक बड़ा दांव खेला है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि रिपोर्ट में नामजद पांच आरोपियों को रामपुर पुलिस ने खुले आम घूमने दिया जिससे उन्हें उच्च न्यायालय में जमानत लेने का मौका मिल गया। इससे जाहिर होता है कि मामले में काफी गड़बड़ी हुई है।
भलुनी ने कहा है कि उनकी भांजी के आत्महत्या करने के बाद आत्महत्या का मामला दर्ज करने के बाद रामपुर पुलिस ने आरापियों की मदद की। उन्होंने कहा कि रामपुर पुलिस आत्महत्या का मामले दर्ज होते ही आरोपियों की गिरफ्तार कर लेती तो न्याय मिलने में देरी नहीं होती और लोगों का रामपुर पुलिस के प्रति भी विश्वास पैदा होता।
भलुनी ने डीएसपी रामपुर जो उस समय आत्महत्या के इस मामले में जांच अधिकारी थे और उनके एक सहयोगी की संपत्ति की जांच करने की मांग की है और उनका मोबाइल इत्यादि की जांच करने की मांग की है ताकि इस मामले में सच्चाई सामने आ सके।