मध्यम वर्ग को सब्सिडी के सस्ते राशन से वंचित करना निराशाजनक : वीरभद्र सिंह

एक तो कोरोना की मार ऊपर से महंगाई की चपत

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत एपीएल परिवारों को सब्सिडी के सस्ते राशन से बाहर करने के निर्णय पर हैरानी जताई है। उन्होंने कहा कि आज देश आर्थिक मंदी के साथ-साथ कोरोना माहमारी से लड़ रहा है,ऐसे में बढ़ती महंगाई से आम लोगों को राहत दी जानी चाहिए न कि उन पर महंगाई थोपनी चाहिए।

सरकार का निराशाजनक निर्णय:

उन्होंने कहा कि इस निर्णय से आम लोगों के जीवन पर विपरीत और व्यापक असर पड़ेगा। लोगों को महंगाई के चलते जीवन निर्वाह करना मुश्किल हो जाएगा। वीरभद्र सिंह ने कहा है कि प्रदेश की आधी से ज्यादा जनता मध्यम वर्ग से संबंध रखती है और पहले ही उनके सामने जीवन में कई तरह की चुनौतियां हैं। अधिकतर लोग खेतीबाड़ी, बागवानी या फिर छोटा-मोटा कारोबार करके अपना व अपने परिवार का गुजारा कर रहें है ऐसे में सरकार का इन परिवारों को सब्सिडी के सस्ते राशन से बाहर करने का निर्णय निराशाजनक है।

एक बार फिर सोच लें जयराम सरकार:

प्रदेश सरकार को अपने इस फैसले पर पुनः विचार करने की सलाह देते हुए वीरभद्र सिंह ने कहा है कि इस समय जबकि देश गंभीर चुनोतियों से गुज़र रहा है ऐसे में लोगों के साथ न तो कोई अन्याय होना चाहिए और न ही किसी प्रकार का भेदभाव। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को जल्द ही ऐसी कोई योजनाएं बनानी होंगी जिससे बढ़ती महंगाई पर काबू पाया जा सके साथ ही बेरोजगारी की बढ़ती समस्या की भी नियंत्रित किया जा सके।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूर्व कांग्रेस सरकार ने देश मे बढ़ती महंगाई व प्रदेश के लोगों की आर्थिकी को देख कर ही डिपुओं के माध्यम से सस्ते अनाज देने की एक बड़ी व्यवस्था शुरू की थी। इसके लिए उनकी सरकार ने हमेशा ही उचित बजट का प्रावधान भी किया पर आज यह व्यवस्था टूटती सी नज़र आई है।

केंद्र सरकार से मांगें मदद:

उन्होंने प्रदेश सरकार को सलाह देते हुए कहा कि सरकार को केंद्र से ओर विशेष आर्थिक मदद की मांग करनी चाहिए साथ ही धन का पूरा सदुपयोग किए जाना चाहिए। उन्होंने कहा है कि प्रदेश के लोगों पर इस समय न तो किसी भी प्रकार टेक्स लगना चाहिए और न ही इस समय उनसे किसी भी तरह की वसूली की जानी चाहिए।

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