आपदाओं को रोकना असम्भव है, लेकिन यदि समय रहते आपदा से निपटने की तैयारी कर ली जाए तो उससे होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। किसी भी प्रकार की आपदाओं के घटित होने से पूर्व प्रत्येक नागरिक को अपनी व अपने परिवार की सुरक्षा की योग्यता होनी चाहिए। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण प्रदेश के प्रत्येक नागरिक को इस योग्य बनाने के लिए प्रयत्नशील है। यह बात आज राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेंद्र राणा ने बचत भवन में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण शिमला की विभिन्न आपदाओं से सम्बन्धित तैयारियों की समीक्षा बारे आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य है तथा यहां बर्फबारी, बरसात, भूकम्प, बादलों का फटना, भूस्खलन इत्यादि प्राकृतिक आपदाओं का अंदेशा हमेशा बना रहता है। ऐसी स्थिति में आम जनता को भी इस प्रकार की आपदाओं से निपटने बारे प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है ताकि प्रशासन या राहत टीमों के पहुंचने से पूर्व स्थानीय नागरिकों द्वारा बचाव एवं राहत कार्यों को शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में किसी भी आपदा से निबटने के लिए वर्तमान में एनडीआरएफ की टीम सुन्नी में तैनात है तथा होमगार्ड, पुलिस के जवान भी आपदाओं से निपटने के लिए पूर्ण रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। सेवा निवृत पुलिस, होमगार्ड, सेना के जवानों की भी आपातकालीन परिस्थितियों में मदद ली जा सकती है।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में स्थानीय नागरिक, स्कूल व कॉलेज के छात्र, एनएसएस, एनसीसी, स्वयं सेवकों, पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदाओं में प्रयोग में की जाने वाली मशीनरी व सामग्री का नियमित रूप से रख-रखाव व जांच होनी चाहिए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें तत्काल प्रयोग में लाया जा सके। उन्होंने कहा कि जिले में पुलिस व होमगार्ड के कम से कम 50 जवानों को विभिन्न प्रकार की आपदाओं के लिए विशेष प्रकार का प्रशिक्षण प्रदान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर सेना के अधिकारियों के साथ आपदा की तैयारियों बारे बैठक का आयोजन किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिला, तहसील, उप तहसील स्तर पर आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठों में आपदा की स्थिति में प्रयोग में आने वाले महत्वपूर्ण फोन नम्बरों की सूची, आपदा के लिए प्रशिक्षित नागरिकों के फोन नम्बर भी उपलब्ध होने चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना, पुलिस, होमगार्ड के सेवा निवृत अधिकारियों का रिकॉर्ड रखा जाना चाहिए ताकि किसी भी प्रकार कीे आपदा के घटित होने पर तत्काल उनकी सेवाएं ली जा सके। राणा ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों से उनके विभाग द्वारा आपदा की स्थिति में किए जाने वाले प्रबंधों का जायजा लिया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।
उन्होंने कहा कि शिमला जिला में आपदा के घटित होने पर इसकी सूचना तुरन्त जिला प्रशासन तथा पुलिस द्वारा इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल को दी जानी चाहिए। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा आपदा से संबंधित अत्याधुनिक मशीनरी व अन्य औजार की खरीददारी के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष मामला रखने का आश्वासन दिया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रोहित मालपानी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) जीसी नेगी, एडीएम (प्रोटोकॉल) सुनील शर्मा, उपमण्डलाधिकारी, जीएस नेगी, हेमिस नेगी, एमआर भारद्वाज, मण्डलीय अग्निशमन अधिकारी डीडी शर्मा, बटालियन प्रशासनिक अधिकारी आरपी नेपटा, उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राहुल राव, क्षेत्रीय प्रबंधक देवा सेन नेगी तथा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।