निजी स्कूलों की मनमानी पर लगाम लगाए शिक्षा निदेशालय

टयूशन फीस लेने के निर्णय को सख्ती से करवाए लागू ,नहीं तो आंदोलन होगा तेज

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छात्र अभिभावक मंच ने ट्यूशन फीस को लेकर निजी स्कूलों की मनमानी और लूट के विरोध में उच्च शिक्षा निदेशालय के बाहर जोरदार धरना प्रदर्शन किया इस दौरान मंच ने ज्ञापन भी सौंपा। मंच ने निजी स्कूलों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मंच का कहना कि कोरोना महामारी के इस दौर में जब अन्य राज्य सरकार स्कूल फीस माफ कर रही है वहीं प्रदेश सरकार और उच्च शिक्षा निदेशालय निजी स्कूलों की मनमानी को रोक पाने में असफल हो रहे हैं। निजी स्कूलों ने सरकार पर अपना दबदबा बनाए रखा है और इसी के चलते निजी स्कूल अपनी मनमानी कर रहे हैं और प्रदेश सरकार के ट्यूशन फीस लेने के आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।


इस संबंध में प्रदर्शन के बाद मंच का प्रतिनिधिमंडल  उच्च शिक्षा संयुक्त सचिव प्रमोद चौहान व चंद्रेश्वर शर्मा तथा प्रारंभिक शिक्षा संयुक्त सचिव हितेश आज़ाद से  मिला और ज्ञापन सौंप कर प्रदेश सरकार के आदेशों को लागू करने की मांग की। उन्होंने निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने तथा उनकी मनमानी व लूट रोकने का भरोसा दिया। मंच ने प्रदेश सरकार व निदेशक उच्चतर शिक्षा को चेताया है कि वर्ष 2019 की तर्ज़ पर केवल टयूशन फीस लेने के निर्णय को अगर अक्षरशः लागू न किया गया और टयूशन फीस तिमाही के बजाए हर महीने के आधार पर न वसूली गई तो आंदोलन तेज होगा। 


मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा,सह संयोजक बिंदु जोशी,सदस्य फालमा चौहान व विवेक कश्यप ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में भी निजी स्कूल खुली लूट कर रहे हैं और सरकार व निदेशक उच्चतर व प्रारंभिक शिक्षा चुपी ओढ़े हुए हैं। निजी स्कूलों द्वारा फीस बढ़ोतरी के साथ ही पूरी फीस वसूली जा रही है। हर महीने के बजाए तीन महीनों की फीस इकट्ठा एकमुश्त वसूली जा रही है। ज्यादातर निजी स्कूलों द्वारा कोई भी ऑनलाइन क्लासेज़ नहीं लगाई जा रही हैं फिर भी वे पूरी फीस वसूल रहे हैं जबकि वे सरकार के आदेश अनुसार टयूशन फीस भी नहीं वसूल सकते हैं। निजी स्कूल ज्यादा वसूली गयी फीस व ट्रांसपोर्ट फंड को न तो सम्माहित कर रहे हैं और न ही रिफंड कर रहे हैं। निजी स्कूलों के लगभग 70 प्रतिशत अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर बार-बार भेजे गए मोबाइल संदेशों के दबाव में अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में इस तिमाही में एनुअल चार्ज,एडमिशन फीस,स्मार्ट क्लास रूम चार्ज,स्पोर्ट्स चार्ज,केयरज़ फंड,मिसलेनियस फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस कैबिनेट का निर्णय आने से पूर्व ही जमा कर चुके हैं। इस जमा फीस में टयूशन फीस भी वर्ष 2020 में आठ से बीस प्रतिशत तक बढ़ाई गयी फीस के आधार पर ही वसूली गयी है। निजी स्कूल प्रबंधन इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस बढ़ी हुई फीस को वापस लौटा रहे हैं। इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों के रूप में सम्माहित करने अथवा वापिस लौटाने के लिए सरकार ने कोई भी उचित मैकेनिज़्म तैयार नहीं किया है। 

 वहीं संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल आठ से बीस प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ वर्ष 2019 के बजाए वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह टयूशन फीस वसूल रहे हैं। इन स्कूलों ने पिछले वर्ष टयूशन फीस,एनुअल चार्ज,एडमिशन फीस,कम्प्यूटर फीस,स्मार्ट क्लास रूम चार्ज,स्पोर्ट्स चार्ज,केयरज़ फंड,मिसलेनियस फंड,बिल्डिंग फंड,डेवेलपमेंट फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस के रूप में विभिन्न मदों में ली गयी फीस को इस वर्ष केवल टयूशन  फीस में सम्माहित कर दिया है व पिछले वर्ष की तुलना में टयूशन फीस को चार से पांच गुणा बढ़ाकर अभिभावकों पर कोरोना काल की तिमाही में ही दस से पन्द्रह हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ लाद दिया है। 


उन्होंने कहा कि बहुत सारे निजी स्कूलों ने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए अन्य चार्जेज को हटाकर 90 से 100 प्रतिशत फीस टयूशन फीस के नाम पर ही फीस बुकलेट में दर्शा दी है। अतः इन की टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ किया जाए व उसी आधार पर अभिभावकों से फीस वसूली जाए। टयूशन फीस किसी भी रूप में कुल फीस के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं वसूली जानी चाहिए। इसके लिए पूरा मैकेनिज़्म तैयार किया जाना चाहिए। 


प्रदर्शन में विजेंद्र मेहरा,फालमा चौहान,बलबीर पराशर,बाबू राम,बालक राम,अमित,अनिल,विवेक कश्यप, राकेश रॉकी ,जय चन्द,अमित ठाकुर,कृष्णा देवी,पवना देवी,कुसुम,मोनिका ठाकुर,सुरेंद्र बिट्टू,राकेश,सलमान,अनूप ,राजू ,पवन, अनुुुराधा सुषमा,नीतू,कुसुम,रेखा,अनीता,पुष्पा,माया,निर्मला,यशवंत,हरीश,विक्की व राजिन्द्र आदि मौजूद रहे।

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