अतिरिक्त उपायुक्त शिमला डी के रतन ने आज यहां जिला टास्क फोर्स की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि शिमला जिले में टीकाकरण के लिए सूक्ष्म योजना के तहत जीरो से दो वर्ष तक के शिशुओं तथा गर्भवती महिलाओं की संख्या का पता लगाया जाएगा, जिसके आधार पर टीकाकरण योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह स्वास्थ्य विभाग की सहभागिता से जीरो से दो वर्ष के शिशुओं व गर्भवती माताओं की गणना करना सुनिश्चित करें।
डी के रतन ने कहा कि जिला में 11 जुलाई से 23 जुलाई, 2016 तक डायरिया अभियान चलाया जाएगा, जिसमें आशा वर्करों द्वारा कुपोषित बच्चों का पता लगाया जाएग तथा उन्हें आवश्यक उपचार के लिए जिले के अस्पतालों को रैफर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आशा वर्करों द्वारा जीरो से पांच वर्ष के बच्चों का भार जाना जाएगा तथा उन्हें ओआरएस के पैकेट वितरित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जागरूकता अभियान के दौरान 6 से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को हाथ धोने की सही प्रक्रिया का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
डी के रतन ने कहा कि स्कूलों में 6 से 12वीें कक्षा तक के प्रत्येक बच्चे को आयरन की गोली दी जा रही है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह स्कूलों में दी जा रही आयरन की गोली के वितरण की रिपोर्ट संबंधित विभाग को जल्द उपलब्ध करवाएं। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एचआर ठाकुर, संयुक्त निदेशक प्रारंभिक शिक्षा डॉ. अजय शर्मा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनीश सूद, बाल विकास परियोजना अधिकारी ममता पाल के अतिरिक्त अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।