प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर
मंडी उपायुक्त ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि कोरोना से ‘बचाव ही समाधान’ है। जब तक वैक्सीन नहीं आ जाती सभी को पूरी सावधानी बरतते हुए अपने आप को और अन्यों को संक्रमण से बचाना है। मंडी में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने मंडी जिलावासियों से कोरोना को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने की अपील की। उन्होंने आग्रह किया कि घर से निकलते हुए मास्क पहनने और साबुन से बार बार हाथ धोने अथवा सैनिटाइजर के प्रयोग को अपनी आदत का हिस्सा बना लें । सोशल डिस्टेंसिंग मानकों का ठीक से पालन करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन का सारा ध्यान संक्रमण को फैलने से रोकने पर है। इसके लिए जनभागीदारी बड़ी जरूरी है। जनजागरूकता से स्वच्छता के सामान्य नियमों का पालन करके संक्रमण से बचा जा सकता है।उन्होंने कहा कि यह देखने में आया है कि लोगों में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोग लापरवाह हुए हैं। किसी भी व्यक्ति का यह सोचना कि ‘मुझे कोरोना नहीं होगा’ अथवा ‘सभी को तो होना ही है’ ये दोनों नजरिये बहुत घातक हैं। किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। सामाजिक कार्यक्रम में एक साथ टेबल पर बैठकर खाने से परहेज करें, क्योंकि वहां पर मास्क नीचे होता है और संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा बना रहता है। इस दौरान एडीएम श्रवण मांटा और जिला स्वास्थ्य अधिकारी दिनेश ठाकुर भी उनके साथ उपस्थित रहे।
सिविल अस्पतालों में ‘रैपिड एंटीजेन टैस्ट’ की सुविधा उपलब्ध :
उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि लोग सभी जरूरी सावधानियां बरतें। यदि किसी को कोरोना के लक्षण लगेें, तो तुरंत डॉक्टरी सहायता लें। जोनल अस्पताल मंडी और नेरचौक मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ अब जिला के सभी सिविल अस्पतालों में ‘रैपिड एंटीजेन टैस्ट’ की सुविधा उपलब्ध है। यह टैस्ट भी निशुल्क किए जा रहे हैं। इसकी रिपोर्ट 15 से 20 मिनट में आ जाती है। रोग का जल्दी पता लगने से समय पर उचित इलाज दे पाना संभव होगा जिससे बहुमूल्य जीवन बचेंगे।
जल्द शुरू होगा जन जागरूकता अभियान का दूसरा चरण:
ऋग्वेद ठाकुर ने कहा कि जिला में विशेष जन जागरूकता अभियान का दूसरा चरण बहुत जल्द आरंभ किया जाएगा। कोरोना से बचाव को लेकर सूचना-शिक्षा-संचार (आईईसी) कैंपेन के तहत प्रत्येक व्यक्ति तक कोरोना संक्रमण से बचाव का संदेश पहुंचाया जाएगा।ग्रामीण क्षेत्रों में ओर अधिक जागरूकता लाने के लिए पंचायत स्तर पर अनुपालन अधिकारी तैनात किए जाएंगे, जो संबंधित पंचायत में कोरोना की स्थिति पर पैनी नजर रखेंगे। पंचायतों में नियुक्त निगरानी अधिकारियों को भी सक्रिय किया जाएगा ताकि वे अपनी-अपनी पंचायत में कोरोना महामारी बारे लोगों को अधिक से अधिक जागरूक करें। इसके अलावा प्रिंट-इलैक्ट्रानिक और सोशल मीडिया के माध्यम से भी आईईसी कैंपेन को गति दी जाएगी।