राजधानी शिमला आज तब हड़कम मच गया जब आईजीएमसी में स्तिथ दवाई की दुकान में मौजूद केमिस्ट अचानक बेहोश हो कर गिर पड़ा। लोगों में केमिस्ट के कोरोना संक्रमित होने की अफवाह जंगल की आग की तरह फैल गई साथ ही सोशल मीडिया पर भी कई तरह की अफवाएं वायरल होने लग पड़ी। केमिस्ट के कोरोना ग्रसित होने के अलावा अस्पताल बंद होने की अफवाह ने भी खूब जोर पकड़ा। हालांकि केमिस्ट में कोरोना वायरस के किसी भी तरह के लक्षण नहीं थे मगर अस्पताल प्रशासन को मजबूरी में उसके जांच के लिए सैंपल लेने पड़े और जांच रिपोर्ट में वह कोरोना नेगेटिव पाया गया है। इस बात की पुष्टि वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक डॉ.जनक राज ने की है।
उन्होंने बताया कि केमिस्ट के जांच के लिए सैंपल लिए गए थे और उनकी जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है जो कि राहत की बात है। साथ ही उन्होंने बताया कि आज 102 सैम्पल्स की जांच हुई है जिसमें से 48 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। नेगेटिव आई रिपोर्ट्स में 40 सैंपल बिलासपुर जिले से लिये गए थे वहीं 8 सैंपल किन्नौर जिले से लिए गए थे। प्रदेश के लिए यह बड़ी राहत की खबर है ।
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाओं पर न दे ध्यान:
डॉ.जनकराज ने लोगों से सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाओं पर ध्यान न देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में कुछ लोग कोरोना संकट में अफवाएं फैलाने की गैर-जिम्मेदाराना हरकत कर रहे हैं और लोगों में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं जबकि प्रशासन लोगों और अस्पताल में इलाज के लिए आ रहे मरीजों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहा है। केमिस्ट के कोरोना संक्रमित होने की अफवाओं का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में मंडी के मृतक युवक की मां का केमिस्ट शॉप से दवाई लेने की झूठी अफवाह फैली थी। कोविड -19 से संक्रमित व्यक्ति के परिवार को तुरंत कोरेंटिन कर दिया जाता है और उन्हें बाहर निकलने की इजाजत नहीं होती है, यहां तक कि कोरोना ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ को भी बाहर निकलने की इजाजत होती है, ऐसे में युवक की मां का दवाई लेने जाने का सवाल ही नहीं उठता है। यह केवल अफवाह है। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन ऐसी अफवाओं के खिलाफ शिकायत दर्ज करने जा रहा है।