नाहन: जिला शिमला के कोटखाई के बहुचर्चित गुडिय़ा केस के आरोपी चरानी अनिल कुमार उर्फ नीलू को नाहन में हत्या के प्रयास के मामले में अदालत ने आजीवन कारावास की सजा और 25 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। उप जिला न्यायवादी सिरमौर एकलव्य ने बताया कि शनिवार को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जसवंत सिंह की अदालत में आरोपी अनिल कुमार उर्फ नीलू को पच्छाद उपमंडल की ग्राम पंचायत काटली के दसाना गांव में रहने वाली नेपाली मूल की महिला के साथ छेड़छाड़ और हत्या के प्रयास के मामले में यह सजा सुनाई गई है।
उप जिला न्यायवादी सिरमौर एकलव्य ने बताया कि दोषी अनिल कुमार उर्फ नीलू ने नेपाली मूल की महिला पर 6 सितंबर 2015 को जानलेवा हमला किया। उन्होंने बताया कि महिला दसाना गांव में रमन पुंडीर की जमीन पर काम करती थी। जब वह गांव के समीप जंगल में बकरियां चराने गई हुई थी। इसी दौरान जंगल में महिला को अकेले पाकर उसके साथ पहले छेड़छाड़ की। जब महिला ने इसका विरोध किया तो दोषी ने महिला से उसका दराट लेकर जानलेवा हमला किया। इस हमले में महिला का हाथ का अंगूठा व उंगली कट गई। मुंह व चेहरे पर कई जगह घाव किए। इसके बाद महिला लहूलुहान होकर बेहोश हो गई, जिस पर कुछ लोगों ने इसकी जानकारी नेपाली मूल की महिला के बेटे संजय बहादुर को दी। 108 एंबुलेंस में घायल महिला को सराहां अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से महिला को गंभीर हालत में क्षेत्रीय अस्पताल सोलन रैफर किया गया। महिला के स्वस्थ होने के बाद पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर मामले में छानबीन की और आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके बाद पुलिस ने अदालत में चालान पेश किया। अदालत में जिरह के बाद दोषी पाए गए अनिल कुमार उर्फ नीलू को न्यायाधीश ने आईपीसी की धारा 307 के तहत आजीवन कारावास व 20 हजार रुपये जुर्माना और धारा 354 के तहत दो साल की कैद व 5 हजार रुपये जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने बताया कि जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।