अस्तित्व खो रही पार्टियां अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों में पैदा कर रही भ्रम:त्रिलोक जमवाल

किसान आंदोलन को असफल बताते हुए कहा कि कृषि विधेयक किसानों के हित में

0
418

भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक जमवाल ने शिमला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा हिमाचल प्रदेश में भारत बंद का कोई असर नहीं रहा। केवल नाम के ही धरना प्रदर्शन हुआ है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विपक्षी दल ने केवल जनता को गुमराह करने का काम किया है चाहे वह सीएए का मुद्दा हो, या धारा 370 या 35ए हो।
आज तक कांग्रेस ने केवल कागज़ों में ही किसानों की हित की बात की पर केंद्र में मोदी सरकार ने करके दिखाया। कांग्रेस ने हर वर्ग को अपना वोट बैंक समझा पर भाजपा ने हर वर्ग के कल्याण का काम किया।
प्रदेश महामंत्री ने कहा देश में अपना अस्तित्व खो रही कुछ राजनीतिक पार्टियां अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए किसानों में भ्रम पैदा कर रही हैं। कृषि सुधार कानून पूरी तरह से किसान हितैषी और उनको खुशहाली के मार्ग पर ले जाने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार ने 5 साल में 650 करोड़ रुपये की दालें खरीदीं लेकिन हमारे 5 सालों में मोदी सरकार ने 49,000 करोड़ रुपये की दालें खरीदीं। किसानों के हित के लिए निरंतर मोदी सरकार कार्यरत है।
उन्होंने कहा कि धान की खरीद पिछले वर्ष की तुलना में 22 प्रतिशत अधिक हुई है जिससे 35 लाख किसान लाभान्वित हुए है। पूरे देश में पिछले वर्ष के 282.66 LMT से 22 % अधिक , कुल 344.86 LMT धान की खरीद। ₹ 65,111 करोड़ से अधिक का किया गया भुगतान कुल खरीद में पंजाब का योगदान करीब 59 % रहा।
उन्होंने कहा नए कृषि सुधार कानूनों से आएगी किसानों के जीवन में समृद्धि। उन्होंने कहा विघटनकारी और अराजकतावादी ताकतों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक प्रचार से बचें, सच जानें और देश भर के किसानों को इनके एजेंडे से सतर्क करें। कृषकों को व्यापारियों , कंपनियों , प्रसंस्करण इकाइयों , निर्यातकों से सीधे जोड़ना ही इस विधेेेयक का उद्देश्य है ।

उन्होंने कहा कि कृषि करार के माध्यम से बुवाई से पूर्व ही किसान को उसकी उपज के दाम निर्धारित करना है। उन्होंने कहा कि बुवाई से पूर्व किसान को मूल्य का आश्वासना , दाम बढ़ने पर न्यूनतम मूल्य के साथ अतिरिक्त लाभ ,पूर्व में ही मूल्य तय हो जाने से बाजार में कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव का किसान पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसके अलावा किसी भी विवाद की स्थिति में उसका निपटारा 30 दिन में स्थानीय स्तर पर करने की व्यवस्था की गई है ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here