
पूरे देश में औद्योगिक क्षेत्र के रूप में पहचान पा चुके बद्दी-नालागढ़ क्षेत्र को इसी क्षेत्र के एक युवा अनुभव बंसल ने प्राकृतिक खेती के उत्कृष्ट माॅडल के रूप में पहचान दिलवाने का बीड़ा उठाया है। औद्योगिक घराने से ताल्लूक रखने वाले अनुभव पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर हैं और एक साल पहले तक चंडीगढ़ की एक आईटी कम्पनी में लाखों रूपये के वेतन पा रहे थे। लेकिन बचपन से ही कृषि से जुड़कर घरती से जुड़ने की चाह में अनुभव बंसल ने खेती की ओर रूख किया और आज उन्होंने नालागढ़ के दत्तोवाल गांव में 17 बीघा भूमि में एक सफल उत्कृष्ट माॅडल खड़ा किया है। अनुभव बताते हैं शहर की दौड़-भाग भरी जिंदगी से तंग आकर उन्होंने खेती करने का फैसला लिया और आज वे इस फैसले से संतुष्ट हैं। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने नौकरी और घर के कारोबार को छोड़ खेती करने का फैसला लिया तो परिवार की पहले से कृषि की कोई पृष्टभूमि ने होने के चलते घरवालों का थोड़ा विरोध भी झेलना पड़ा लेकिन अब उन्हें परिवार की ओर से भरपूर सहयोग मिल रहा है।

खेती करने से पहले अनुभव ने पूणे में पदम्श्री सुभाष पालेकर से सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण लिया और इसके बाद उन्होंने खेती के लिए अपने पड़ोसी से 17 बीघा भूमि लीज पर ली और इस भूमि में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती विधि के तहत हल्दी, धनिया, अदरक, मक्की, भिंडी व माश, लहसुन, गोभी, ब्रोकली, गेंहू की फसलें लेना शुरू किया है। अनुभव का कहना है कि खेती करने का यह उनका पहला अनुभव है और पहले ही साल में जिस तरह से अच्छी पैदावार हो रही है इससे उनके हौसला और बढ़ गया है। इसलिए भविष्य में अब अनुभव ने 100 बीघा भूमि में सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती करने का मन बना लिया है। अभी अनुभव ने अपने खेतों में 3 क्विंटल अदरक, 3 क्ंिवटल हल्दी, 1 क्ंिवटल लहसुन, गोभी और ब्रोक्ली लगाई है। उन्होंने आशा जताई है अगले माह तक ये फसले तैयार हो जाएंगी और उन्हें बीज के मुकाबले 7-10 गुणा अधिक पैदावार होगी।
युवा किसान अनुभव ने प्योरा फार्म नाम से अपना खुद का ब्रांड भी बनाया है। इस ब्रांड के बैनर तले वह अपने कृषि उत्पाद बेच रहे हैं। इसके साथ ही वे अपने आस-पास के प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के उत्पादों को भी बाजार मुहैया करवा रहे हैं। अनुभव बताते हैं कि प्राकृतिक उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है और उनके पास हर रोज नए ग्राहक आ रहे हैं। ग्राहक ना केवल अपने लिए उत्पाद खरीद रहे हैं बल्कि वे अपने रिश्तेदारों के लिए भी प्राकृतिक सब्जियां खरीद रहे हैं।

हमारे फार्म में पैदा वाली सब्जियों को एक बार खरीदने के बाद लोग बार-बार आ रहे हैं। इतना ही नहीं जो लोग इन्हें खरीदते हैं वे हर बार नये खरीददारों को ले आते हैं। ग्राहक जब सब्जियों को लेकर अपने अच्छे अच्छे अनुभव सांझा करते हैं तो उससे एक अलग ही खुशी मिलती है।