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प्रदेश में युवाओं और स्कूली बच्चों में नशे की लत एक गंभीर समस्या है। पुलिस और सामाजिक संस्थाएं इस नशे पर लगाम लगाने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। आज नशीली दवाओं के सेवन और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर पुलिस, शिक्षा और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभागों के अधिकारियों के साथ राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बैठक की। उन्होंने कहा कि नशे के खतरे से निपटने के लिए सभी सामाजिक इकाइयों को एकीकृत दृष्टिकोण अपनाकर समस्या के वास्तविक समाधान के लिए समन्वय स्थापित कर काम करना चाहिए।उन्होंने कहा कि युवाओं में मादक पदार्थों की लत एक गंभीर समस्या है और केवल सरकारी तंत्र ही इस समस्या का समाधान नहीं कर सकता, हमें खतरे को रोकने के लिए गैर सरकारी संगठनों और धार्मिक संगठनों को भी इस अभियान में शामिल करना चाहिए।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने पुलिस विभाग द्वारा मादक पदार्थों की लत और नशीली दवाओं की तस्करी की गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए पावर-प्वाइंट प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन पूरी जिम्मेदारी के साथ इस दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2020 के दौरान नशीली दवाओं के खतरे से अवगत करवाने के लिए 1446 पंचायतों में लगभग 20,722 लोगों से संपर्क किया गया। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान 310 स्कूलों और 83 काॅलेजों और लगभग 45,277 छात्रों को इस जागरूकता अभियान से जोड़ा गया है।
निदेशक, सामाजिक न्याय और अधिकारिता हंस राज, और निदेशक उच्च शिक्षा डाॅ.अमरजीत शर्मा ने भी राज्यपाल को इस संबंध में विभागों की गतिविधियों से अवगत कराया।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर, एडीजीपी अशोक तिवारी और डीआईजी रामेश्वर ठाकुर भी उपस्थित रहे।