
लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान का दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे 74 वर्ष के थे और पिछले काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। पासवान दिल की बीमारी से जूझ रहे थे और दिल्ली के एस्कॉर्ट अस्पताल में भर्ती थे। 2 अक्टूबर की रात उनकी हार्ट सर्जरी हुई थी।
बेटे ने ट्विटर में लिखा भावुक संदेश:
उनकी मौत की खबर उनके बेटे और एलजेपी अध्यक्ष चिराग पासवान ने ट्वीटर के माध्यम से दी। उन्होंने अपने पिता के साथ अपने बचपन की तस्वीर सांझा करते हुए बेहद भावुक संदेश लिखा ..
”पापा….अब आप इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन मुझे पता है आप जहां भी हैं हमेशा मेरे साथ हैं
मिस यू पापा”
पीएम मोदी ने व्यक्त किया दुःख:
प्रधानमंत्री मोदी ने भी रामविलास पासवान के निधन पर दुख व्यक्त किया और कहा कि उन्होंने अपना एक मित्र खो दिया। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा
मेरे पास दुख व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं है। उनके निधन से हमारे राष्ट्र में एक खालीपन हो गया जो शायद कभी नहीं भरेगा। राम विलास पासवान जी का निधन एक व्यक्तिगत क्षति है। मैंने एक दोस्त, मूल्यवान सहयोगी और किसी को खो दिया है, जो हर गरीब व्यक्ति को यह सुनिश्चित करने के लिए बेहद भावुक था कि वह गरिमा का जीवन जीते हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है।
रामविलास पासवान ने राजनीति में लंबा समय बिताया है। वह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री थे। रामविलास पासवान वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्रकुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी इन सभी प्रधानमंत्रियों के ‘कैबिनेट’ में अपनी जगह बनाने वाले एकमात्र व्यक्ति थे।