केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पद सेवाएं दे रहे आईएफएस अधिकारी एसपी वासुदेव को राज्य सरकार ने सात माह पहले ही हिमाचल वापस बुला लिया। हालांकि वासुदेव अप्रेल 2016 तक केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं, लेकिन वन विभाग में मुखिया के पद पर परमानेंट तैनाती के लिए सरकार ने ऐसा फैसला किया। प्रदेश सरकार ने गत शुक्रवार को 1982 बैच के आईएफएस अधिकारी एसपी वासुदेव को वन विभाग में मुखिया की कुर्सी सौंप दी। पीसीसीएफ वन का अतिरिक्त कार्यभार देख रहे आईएफएस अधिकारी एसएस नेगी को रिलीव कर उन्हें पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ का अतिरिक्त चार्ज दिया गया। वाइल्ड लाइफ में पीसीसीएफ का पद पिछले पांच दिनों से खाली चल रहा था। इसे देखते हुए सरकार ने एसएस नेगी को अतिरिक्त जिम्मा सौंप दिया।
पीसीसीएफ फोरेस्ट व वाइल्ड लाइफ के लिए डीपीसी होनी थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। सरकार ने एक सीनियर आईएफएस अधिकारी को करारा झटका देते हुए जूनियर ऑफिसर को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुला कर पीसीसीएफ की कुर्सी सौंप दी। प्रदेश सरकार ने न तो डीपीसी की और न ही सीनियर ऑफिसर को तवज्जो दी। ऐसे में जाहिर है कि प्रदेश सरकार की पिक एंड चूज की नीति विवादों में आने की पूरी संभावनाएं हैं। उल्लेखनीय है कि एसपी वासुदेव केंद्र सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्रालय में सेवाएं दे रहे थे। जिन्हें अब सरकार ने वापस हिमाचल बुला कर वन विभाग का मुखिया बना दिया। सरकार की इस प्रक्रिया से वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी कहीं न कहीं खफा हैं। हालांकि प्रदेश में सेवाएं सेवाएं दे रहे कुछ आईएफएस अधिकारियों को उम्मीद थी कि सरकार पीसीसीएफ के लिए जल्द ही डीपीसी करेगी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर फिलहाल पानी फिर चुका है।
सीएस सिंह हैं सबसे सीनियर आईएफएस
1981 बैच के आईएफएस अधिकारी सीएस सिंह अभी तक पीसीसीएफ के पद के लिए सबसे वरिष्ठ हैं, लेकिन सरकार ने उनके जूनियर एवं 1982 बैच के आईएफएस अधिकारी एसपी वासुदेव को तोहफा दे दिया। यहां तक कि सरकार ने गत शुक्रवार तक 1983 बैच के आईएफएस अधिकारी एसएस नेगी को पीसीसीएफ का अतिरिक्त चार्ज सौंपा गया था। बताया गया कि सरकार ने जिस अधिकारी को वन विभाग का मुखिया बनाया वह अभी अन्य अधिकारियों में सातवें नंबर पर हैं।
जेपी थर्मल प्लांट में विवादों में रहे वासुदेव
पूर्व में जब एसपी वासुदेव प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में अहम पद पर थे तो जेपी थर्मल प्लांट मामले में विवादों में भी रहे। सूत्र बताते हैं कि नालागढ़ में 2006-07 में थर्मल प्लांट को मंजूरी दे दी थी। मामला काफी गंभीर था और तत्कालीन वीरभद्र सरकार ने भी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की। अब वर्तमान में वीरभद्र सिंह सरकार ने उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुला कर अहम पद सौंप दिया।
सस्पेंड भी हो चुके हैं एसपी वासुदेव
पूर्व में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में मेंबर सेक्रेटी के पद पर रहते एक निजी कंपनी को थर्मल प्लांट की एनओसी देने पर आईएफएस अधिकारी एसपी वासुदेव तत्कालीन वीरभद्र सिंह सरकार के कार्यकाल में सस्पेंड भी हुए थे। बाद में भाजपा की सरकार बनी तो उन्हें बहाल किया गया और केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जाने की भी मंजूरी मिली।