
नाहन: जिला सिरमौर में 16 जनवरी को 180 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोविड टीका लगाया जाएगा । टीकाकरण के लिए वाईएस परमार राजकीय मेडिकल कॉलेज नाहन में 100 और सिविल अस्पताल पांवटा साहिब में 80 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का चयन किया गया है। यह जानकारी उपायुक्त सिरमौर डा.आरके परूथी ने नाहन में आयोजित हुई जिला टास्क फोर्स की बैठक में दी। बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार से राज्य सरकार को मिली कोविशील्ड टीके की पहली खेप आज शाम को शिमला पहुंचेगी, जिसमें 3400 डोज सिरमौर को आबंटित हुए हैं। यह टीका 2 फरवरी तक जिला के लगभग 5645 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं जिनकी उर्म 50 वर्ष से कम और जो किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित नहीं है उन्हें लगाया जाएगा। बैठक में बताया गया कि टीका लगने वाले व्यक्तियों को उनके मोबाईल पर एसएमएस के माध्यम से समय, तिथि व सत्र के बारे में सूचित किया जाएगा। टीका लगाए जाने वाले स्थान पर चयनित व्यक्ति को अपने साथ पहचान पत्र लेकर आना अनिवार्य होगा। प्रवेश द्वार पर पहले व्यक्ति की पहचान की जांच की जाएगी, जिसके बाद आगे दूसरे व्यक्ति द्वारा चयनित व्यक्ति का सत्यापन किया जाएगा। टीका लगने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट तक निगरानी में रखा जाएगा। डा. परूथी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोविड टीके की डोज की बर्बादी किसी भी हाल में न हो और यह सुनिश्चित करने के लिए इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि टिका लगने वाले दिन चयनित व्यक्तियों में से कोई भी अनुपस्थित न हो।
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किसे लगेगा टीका, किसे नहीं
- 18 वर्ष से कम आयु के व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, स्तनपान करवाने वाली महिलाओं को यह टीका नहीं लगाया जाएगा।
- सर्दी, जुकाम खांसी जैसे लक्षणों की स्थिति में यह टीका नहीं लगाया जाएगा।
- जो व्यक्ति पहले कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं उन्हे यह टीका लगाया जाएगा।
- टीका लगने के बाद दूसरी डोज 28 दिनों के बाद दी जाएगी।
- 42 दिनों के बाद व्यक्ति की रोग-प्रतिरोधक प्रणाली पूर्णतया सुदृढ होगी।
- टीका लगने के बाद हल्का बुखार, दर्द, सूजन, टिका लगने वाली जगह का लाल होना आदि बदलाव 2 से 7 दिनों के भीतर आना स्वभाविक होगा जिससे घबराने की आवश्यकता नहीं है।
- टीका लगने के बाद भी व्यक्ति को कोरोना हो सकता है। इसलिए मास्क पहनना, सामाजिक दूरी का पालन करना और नियमित तौर पर हाथों को धोना या सैनिटाईज करना जरूरी होगा।
- टीका लगने के बाद व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी जो उसे कोरोना से होने वाले तेज बुखार, सांस लेने मे तकलीफ होना और मृत्यु जैसी संभावनाओं को कम कर देगा।