जिला में 1327 मानसिक रूप से दिव्यांग जनों की जनसंख्या है। यह जानकारी आज अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी डीके रतन ने राष्ट्रीय न्यास अधिनियम के अंतर्गत गठित स्थानीय स्तरीय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। अतिरिक्त उपायुक्त ने जिला कल्याण अधिकारी को निर्देश दिए कि मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के कल्याण हेतु ‘निरमाया स्वास्थ्य बीमा योजना’ का प्रचार किया जाए, ताकि इस योजना के अंतर्गत अधिक से अधिक बच्चे लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने बताया कि जिला में कुल 14675 विकलांगजन हैं, जिनमें से 1,127 मानसिक रूप से विशेषजनों को विकलांगता पहचान पत्र जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जून माह में बसंतपुर वृद्धाश्रम के 14 तथा नारी सेवा सदन के 23 मानसिक रूप से विकलांग आवासियों के स्थानीय स्तरीय समिति द्वारा कानूनी संरक्षण प्रमाण-पत्र जारी किए गए।
उन्होंने कहा कि मानसिक रूप से विशेष बच्चों के कल्याण हेतु निरमया स्वास्थ्य बीमा व मानसिक रूप से अक्षम विशेषजनों के लिए हिमाचल प्रदेश अल्पसंख्यक वित एवं विकास निगम से आसान ब्याज दरों पर ऋण सुविधा, विकलांग राहत भत्ता, राज्य में एचआरटीसी की बसों में निशुल्क यात्रा की सुविधा सहित अनेक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। बैठक में गैर सरकारी सदस्य सतीश कुमार, नरेंद्र गर्ग, जिला समन्वयक डॉ. अर्जुन सिंह, जिला कल्याण अधिकारी ओंकार चंद, तहसील कल्याण अधिकारी चिड़गांव, जुब्बल, चौपाल, सुन्नी, शिमला व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।