अपने लिए तो सब जीते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो विपरीत परिस्थतियों में अपने हितों की परवाह किए बिना समाज के लिए काम करने में जरा सा परहेज नहीं करते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से उपजे इस वैश्विक संकट के दौरान कुछ ऐसे ही कर्मवीर हुए जो अपनी जान की परवाह न करते हुए भी समाज के लिए एक प्रेरणाश्रोत के रूप में काम कर रहे हैं। कोरोना वायरस से जहां एक तरफ करोड़ों लोग अपने घरों में लाॅकडाउन हैं तो वहीं कुछ ऐसे कर्मवीर हैं, जिन्होंने संकट के इस समय में अपनी जान की परवाह किए बिना अपने घरों से बाहर निकलकर बेसहारा और जरूरतमंद लोगों के लिए एक सहारा बनने की कोशिश की है। ऐसे ही 11 कर्मवीरों के बारे में आईए जानते हैंः

1. औरों के लिए जीना कोई शैलजा चंदेल से सीखे
जिंदगी के जिस पड़ाव यानि युवावस्था में हर कोई अपनी और अपने परिवार के ख्वाबों को पूरा करने में लगा होता है उसी में हमीरपुर जिला की शैलजा चंदेल ने कारोना वायरस से पैदा हुए संकट से निपटने के लिए अपने जीवन तक को जोखिम में डालने का निर्णय ले लिया है। जी हां शैलजा चंदेल ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस की यदि दवा बनती है और इसके परिक्षण के लिए मानव शरीर की जरूरत होगी तो इसके लिए वे तैयार हैं। राष्ट्र प्रथम की भावना से ओतप्रोत इस युवती का कहना है कि इस संकट की घड़ी में मानवता खतरे में है इसलिए हमें आगे बढ़कर समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन करना चाहिए। समाज के प्रति ऐसे समर्पण के लिए देवभूमि हिमाचल की इस युवती से सही में समाज के एक बड़े वर्ग को प्रेरणा मिल रही है।

2 कर्ण के समान दानवीर हैं डाॅ विक्रम
जब भी दान की बात की जाती है तो सबसे अग्रीम पंक्ति में कर्ण का नाम लिया जाता है। इतना ही नहीं कर्ण का नाम अकेले न लेकर उन्हें हमेशा दानवीर कर्ण के रूप में याद किया जाता है। ऐसा ही कुछ उदाहरण हिमाचल के बिलासपुर जिला के कृषि वैज्ञानिक डाॅ विक्रम शर्मा ने पेश किया है। डाॅ विक्रम ने अपनी 55 बीघा कृषि भूमि को सरकार को कोरोना से निपटने के लिए आईसोलेशन सेंटर बनाने के लिए निशुल्क देने की पेशकश की है। डाॅ विक्रम ने बताया कि इस भूमि में बीजली, पानी और सड़क की पूरी सुविधा है जिससे सरकार को इस स्थान में आइसोलेशन सेंटर स्थापित करने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इतना ही नहीं डाॅ विक्रम सोशल मिडिया के माध्यम से लोगों को अफवाहों से दूर रहने के लिए जागरूक तो कर ही रहे हैं साथ में जो लोग कहीं फंसे हुए हैं उन्हें भी अपने बेटे रित्विक शर्मा के साथ मिलकर उनके घरों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसके अलावा स्वस्थ पर्यावरण के लिए डाॅ विक्रम अभी तक लाखों पौधे लोगों को निशुल्क बांट चुके हैं।

3. ऐसा विधायक कहां, जो लोगों के लिए खुद तैयार कर रही मास्क
बहुत से लोगों में एक ऐसी धारणा है कि नेता केवल वोट लेने तक ही लोगों से जुड़े होते हैं, लेकिन हिमाचल के भोरंज विधानसभा की विधायक कमलेश कुमारी ने इस धारणा को बिल्कुल बदल दिया है। क्षेत्र में माॅस्क की कमी को देखते हुए इस विधायक ने खुद ही सिलाई मशिन उठाई और माॅस्क तैयार करने में जुट गई। कमलेश कुमारी इन माॅस्क को कोरोना से निपट रहे सरकारी कर्मचारियों और स्वयं सेवकों को बांट रहीं हैं। इतना ही नहीं इनकी देखा-देखी में क्षेत्र की सैकड़ों महिलाएं इस कार्य मंे जुट गई है और माॅस्क बनाकर लोगों को निशुल्क मुहैया करवा रही हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस विकट परिस्थिति में लोग अपने सामथ्र्य के अनुसार सहयोग करें। इसके अलावा लोगों को सरकार की ओर से जारी निर्देशों के पालन करने के लिए भी कहा है।

4. इंजिनियर ने सरकारी वाहनों की मरम्मत के लिए उठाया जोखिम
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग, पुलिस और अन्य सरकारी अमला जुटा हुआ है। ऐसे में एंबुलेंस या अन्य वाहनों के खराब होने पर दिक्कतों का सामना न करना पड़े इसके लिए एक युवा इंजिनियर ने सभी सरकारी वाहनों की मरम्मत निशुल्क करने का दम दिखाया और वे इस काम को बखूबी निभा भी रहे हैं। स्कूटर के इंजन से कृषि में प्रयोग होने वाला सस्ता पावर टिल्लर बनाकर पूरे देश में नाम कमाने वाले इंजिनियर जनक का सोलन जिला में गाडियों की रिपेयर की दुकान है। जनक ने इसके लिए सरकार से अनुमति प्राप्त कर काम भी शुरू कर दिया है। जनक का कहना है कि लाॅकडाउन की इस स्थिति में यदि सरकारी वाहनों या एंबुलेंस की ब्रेकडाउन होती है तो जो लोग इस काम में दिन-रात जुटें हैं, मनोबल कमजोर होगा, इसलिए मैं और मेरे साथ में अन्य साथी 24 धंटे वाहनों की मरम्मत के माम में जुटें रहेंगे।

5. समाज के लिए प्रेरणा बन रहे ये तीन दर्जी
रोजाना 400 से 500 रूपये कमा कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने वाले इन तीन दर्जियों ने बड़े-बड़े पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को संकट के दौरान समाज के लिए काम करने की प्रेरणा दी है। मंडी शहर के अमित कुमार एक छोटी सी दुकान में दर्जी का काम करते हैं, लेकिन आजकल वे लोगों के कपड़े सीलने के बजाय कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए कारगर माॅस्क बनाकर इन्हें निशुल्क बांटने का काम कर और लोगों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। ऐसा ही एक उदाहरण कुल्लू के आनी क्षेत्र के दो दर्जियों गुलजारी लाल और अनिल भारती ने कर समाज के प्रति सेवा भाव का प्रदर्शन किया है। ये दोनों दर्जी मिलकर रोजाना सैकड़ों माॅस्क तैयार कर इन्हें सरकारी कर्मचारियों और प्रशासन को निशुल्क उपलब्ध करवा रहे हैं।

6. किरायेदारों का किराया माफ कर दिखाई दरियादिली
संकट की घड़ी में जहां एक तरफ कई मुनाफाखोर दुकानदार लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर चीजों के दाम बढ़ाकर कमाई पर जोर दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राजन कात्यायन की तरह भी लोग हैं जो मौके की नजाकत को समझते हुए अपने किरायेदारों की कमाई को ध्यान में रखते हुए उनके किराये को माफ कर दरियादिली दिखा रहे हैं। कुल्लू जिला के भूंतर में राजन कात्यायन का एक शाॅपिंग काॅम्पलेक्स है, जिसमें उनके पास छह किरायेदार वर्षाें से अपनी दुकानें चला रहे हैं। राजन कात्यायन ने लाॅकडाउन होने पर अपने इन किरायेदारों के किराये को माफ करने की पहल कर अपने जैसे हजारों मकानमालिकों को ऐसा करने के लिए एक नई राह दिखाई है।

7. लोगों के रहने और खाने के खोल दिए घर के दरवाजे
नाहन के आदित्य हुसैन गोयल नाहन क्षेत्र में किसी कारणों से घरों से दूर बेसहारा और गरिब लोगों के लिए अपने घर के दरवाजे खोल कर वे ऐसे लोगों के लिए मसिहा बन गए हैं। आदित्य हुसैन गोयल ने 100 लोगों के रहने और उनके खाने-पीने के लिए पूरी व्यवस्था की है। साथ ही लोगों को इस बारे में जानकारी मिल सके इसके लिए वे सोशल मिडिया और सरकारी अधिकारियों के माध्यम से लोगों को बता रहे हैं। इनता ही नहीं उन्होंने आपातकाल की स्थिति के लिए अपना निजी वाहन भी लोगों के लिए समर्पित कर दिया है। आदित्य का कहना है कि इस विकट स्थिति में हम सबको समाज सेवा के लिए आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को सरकार के आदेशों का पूरा पालन करना चाहिए और बिना जरूरत को अधिक खाद्य सामग्री को एकत्रित नहीं करना चाहिए।

8. अस्पतालों में रक्त की कमी को पूरा कर रहे अजय श्रीवास्तव
कोरोना संक्रमण फैलने के डर से लोग अस्पतालों में जाने से परहेज कर रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में रक्त की कमी हो गई है। इस कमी को पूरा करने के लिए समाज सेवा में जुटी संस्था उमंग फांउडेशन के अध्यक्ष अजय श्रीवास्तव ने बीड़ा उठाया है। अजय श्रीवास्तव ने हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में रक्त पहुंचाने के लिए शिमला से 20 किलोमिटर दूर प्रशासन के साथ मिलकर लाॅकडाउन होने के बावजूद एक ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया और इसमें 40 यूनिट रक्त एकत्रित कर अस्पताल में जरूरतमंदों तक पहुंचाया। इसके अलावा अजय श्रीवास्तव लगातार शिमला शहर के अस्पतालों के संपर्क में और जरूरत पड़ने पर रक्तदानियों को अस्पताल तक पहुंचाकर सेवा कर रहे हैं। इतना ही नहीं अजय अक्षम लोगों की सेवा के लिए भी हमेशा आगे रहकर और लोगों को भी समाज सेवा के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

9. विधायक की पहल लाई रंग
सुंदरनगर के युवा विधायक राकेश जम्वाल की अनुकरणीय पहल ने मुख्यमंत्री राहत कोष में दान करने वालों के लिए प्रेरणाश्रोत का काम किया है। राकेश जम्वाल हिमाचल के ऐसे पहले विधायक हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से कोरोना से निपटने के लिए बनाए गए कोविड 19 सोलिडेरिटी फंड के लिए अपने एक माह के वेतन दिया। ये राकेश जम्वाल की पहल का ही नतीजा है कि आज हिमाचल में ज्यादातर विधायक अपना एक माह का वेतन मुख्यमंत्री राहत कोष में दे चुके हैं। इतना ही नहीं इन्हीं से प्रेरणा पाकर कर्मचारी वर्ग के अलावा समाज के कई अन्य वर्ग भी राहत कोष में दिल खोलकर दान कर रहे हैं। इसके अलावा राकेश जम्वाल ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों की सहायता के लिए अपने घर के दरवाजे खोल दिए हैं।

10 इस दंपत्ति ने लोगों के घरों में सामान पहुंचाने का उठाया बीड़ा
चाहे बात पर्यावरण संरक्षण, बाल और महिला अधिकारों की या समाज के किसी अन्य वर्ग की भलाई की, शिमला शहर का यह युवा व्यास दंपत्ति हमेशा आगे रहता है। कोरोना से लड़ने के लिए भी इस युवा व्यास दंपत्ति डाॅ नितिन व्यास और शितल व्यास ने एक वाॅलंटियर के तौर पर भूमिका निभाने का फैसला लिया है। शिमला शहर में लोगों के घरों तक सामान पहुंचाने के लिए जिला उपायुक्त ने एक वाॅलंटियर दल बनाने का फैसला लिया है और इसके लिए सबसे पहले इस युवा दंपत्ति ने अपना नाम दिया है। इनता नहीं ये दोनों दंपत्ति कोरोना वायरस को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का काम भी कर रहे हैं। ये दोनों सरकार की ओर से जारी की जाने वाली सभी सूचनाओं को सही-सही से लोगों को पहुंचाने का काम कर एक सच्चे सिपाही के तौर पर काम कर रहे हैं।

11. मुनाफाखोरों से लोगों को बचा रहे प्रो जोगेंद्र
लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर मुनाफाखोरी कर रहे दुकानदारों से समाज को बचाने के लिए प्रो जोगेंद्र सकलानी एक सजग जागरूकत उपभोक्ता के साथ एक सिपाही के तौर पर भूमिका निभा रहे हैं। प्रो जोगेंद्र लाॅकडाउन के दौरान मिलने वाली छूट में लोगों को ओवर चार्जिंग से बचाने के लिए दुकानदारों के पास जा-जा कर उनसे जरूरी वस्तुओं के दामों की जानकारी लेने के साथ उनका विडियो भी तैयार कर इन्हें सोशल मिडिया में डाल रहे हैं। इसके साथ ही यदि कोई दुकानदार अधिक दाम लेते हुए पाया जाता है तो वे इसके बारे में प्रशासन को भी जागरूक कर रहे हैं। प्रो जोगेंद्र का कहना है कि संकट के समय में हमें एक-दूसरे के काम आना चाहिए और मुनाफाखोरों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।