स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने शुक्रवार देर शाम इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में स्टिमुलस-2016 का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि चिकित्सक देश के निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे है। आईजीएमसी शिमला से अपनी पढ़ाई पूरी कर कई प्रतिष्ठित चिकित्सक प्रदेश का नाम विश्वभर में रौशन कर रहे हैं। उन्होंने अपनी मेहनत और लग्न से काम करके इस महाविद्यालय का नाम रौशन किया है।
उन्होंने स्टिमुलस के आयोजन के लिए महाविद्यालय के छात्रों और प्राध्यापकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आयोजनों से जहां छात्रों का सर्वांगीण विकास होता है, वहीं एक दूसरे को समझने और जानने का भी बेहतरीन मौका प्राप्त होता है। इससे छात्रों को अपनी छुपी हुई प्रतिभा को भी प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त होता है।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में ओपीडी कॉम्पलैक्स के निर्माण का कार्य प्रगति पर है, जिसे दो वर्षों के भीतर ही पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कमला नेहरू अस्पताल परिक्षेत्र में मातृत्व एवं शिशु अस्पताल का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है, जिस पर 18 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी।
इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय में अभी हाल ही में 2.5 करोड़ रुपये की लागत से डिजिटल मैमोग्राफी मशीन, 4 करोड़ रुपये की लागत से डीएसए व 75 लाख रुपये की लागत से अन्य डिजिटल रेडियो ग्राफी मशीने स्थापित की गई है। यहां जैनरिक दवाईयों का काउंटर भी स्थापित किया गया है और गैस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग में 1.6 करोड़ रुपये की लागत से फाईब्रोस्कैन जल्द स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आईजीएमसी के नए कैंपस के निर्माण की योजना के तहत 260 बीघा जमीन का चयन किया गया है। सुपर स्पेशियलिटी विंग के निर्माण के लिए स्थान का चयन कर लिया गया है। उन्होंने भावी चिकित्सकों से अपील की कि वह निस्वार्थ भाव से कार्य कर अपनी सेवाएं प्रदेश को देने के लिए तत्पर रहें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों की कमी है और स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास में चिकित्सकों के सक्रिय सहयोग की आवश्यकता है।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया है, ताकि लोगों को अधिक से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं उनके घरद्वार के समीप प्रदान की जा सकें।
इस अवसर पर कॉलेज के प्रधानाचार्य ने सभी का स्वागत किया और छात्र चिकित्सकों को अनुशासन व कठोर परिश्रम कर चिकित्सा कार्य के प्रति अपना दायित्व निभाने की अपील की। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक दबाव के बावजूद भी कॉलेज के छात्र-छात्राएं विभिन्न खेल व सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं, यह सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि स्टिमुलस-2016 में देश के विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भाग ले रहे हैं।
इस अवसर पर आईजीएमसी के प्राध्यापक, छात्र, प्रतिभागी और गणमान्य लोग उपस्थित थे।