शिमला के सुन्नी की रहने वाली सुषमा वर्मा ने महिला वर्ल्ड कप के इंडिया-पाकिस्तान के मैच में सुषमा ने बेहतरीन बल्लेबाजी की, उन्होंने मात्र 35 गेंदों में 33 रनों का योगदान दिया था, जिसमेंं तीन चौके और एक छक्का शामिल है। सुषमा पांचवें नंबर पर खेलने आई थीं, इस दौरान भारत की पारी पूरी तरह से लडख़ड़ा लगी थी। सुषमा ने अच्छे स्टॉक खेले और खूब तालिया भी बटोरी और भारत के लिए संगटमोचक बन कर उभरी, वे शिमला जिले के सुन्नी गडेरी गांव की रहने वाली हैं।
सुषमा वर्मा वर्ष 2009-2011 में हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोशिएशन (HPCA) की ओर से अंडर-19 में भी खेल चुकी है। सुन्नी जिला की रहने वाली, दाएं हाथ की बल्लेबाज और विकेटकीपर सुषमा वर्मा डीएवी कॉलेज कांगड़ा में भी पढ़ाई कर चुकी है। हिमाचल की टीम की तरफ से कई नेशनल और इंटरनेशनल क्रिकेट में हिस्सा लेकर हिमाचल का नाम रोशन किया हैं। सुषमा वर्मा के पिता भोपाल सिंह शिक्षा विभाग में बतौर जेबीटी हैं और मां गौरा देवी हाउस वाइफ हैं, इनकी दो बहनें और दो भाई हैं।
सुषमा वर्मा हिमाचल की पहली महिला क्रिकेट खिलाड़ी है। हाल ही में शिमला के साथ लगते गुम्मा में एचपीसीए की ओर से बनाए स्टेडियम का नाम सुषमा के नाम पर रखा है, ये घोषणा बी.सी.सी.आई के पूर्व अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने की। सुषमा, सचिन तेंदुलकर को अपना आदर्श मानती है।