शिमला परवाणू फोरलेन सड़क के निर्माण के दौरान ट्रेफिक को वैकल्पिक मार्ग से चलाया जाएगा। इस वैकल्पिक मार्ग को कैसे आैर कहां से बनाया जाना है। इसके लिए राज्य लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को तय करना होगा। इसके लिए कितने बजट की जरूरत होगी। इस पर विस्तृत डीपीआर तैयार करनी होगी। केंद्र सरकार की आेर से इस वैकल्पिक सड़क के निर्माण के लिए सहमति भी मिल गई है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस काम को जल्द ही करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में सोलन से कैथलीघाट के लिए काम को दिसंबर तक अवार्ड करने के लिए निर्देश दिए हैं। परवाणू से शिमला तक लगभग 90 किलोमीटर फोरलेन सड़क का निर्माण दो चरणों में होना है। इसमें पहला चरण परवाणू से सोलन आैर इसके बाद सोलन से शिमला तक सड़क को फोरलेन करने का काम किया जाना है।
इसलिए बनाना जरूरी है वैकल्पिक मार्ग
शिमला के प्रदेश की राजधानी के साथ एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल होने के चलते यहां आने जाने के लिए लोगों को परेशानियां का सामना न करना पड़े। इसके लिए फोरलेन के निर्माण के दौरान वैकल्पिक मार्ग बनाने का निर्णय लिया गया है। यदि वैकल्पिक मार्ग का निर्माण नहीं किया जाता है तो इससे शिमला आने और जाने वाले लोगों को जाम और अन्य कई तरह की परेशानियां का सामना करना पड़ना था। इसके लिए सड़क पर ट्रेफिक होने की वजह से फोरलेन निर्माण कार्य की गति में असर पड़ सकता था। इसको देखते हुए एनएच ऑथोरिटी ने वैकल्पिक मार्ग के निर्माण के लिए बजट मुहैया करवाने के लिए हामी भरी है।
भू अधिग्रहण की प्रक्रिया होगी शुरू
फोरलेन के निर्माण में प्रभावितों की भू अधिग्रहण की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने को लेकर भी अधिकारियों को मुख्यमंत्री की ओर से निर्देश दिए गए हैं। नेशनल हाइवे आथोरिटी ऑफ इंडिया की ओर से फोरलेन को लेकर की अधिगृहीत की जाने वाली भूमि का चयन पहले ही कर लिया है साथ ही भूमि के लिए मुआवजा भी तय कर दिया गया है। बैठक में भू अधिग्रहण की प्रक्रिया को जल्द पूरा कर फोरलेन के कार्य में तेजी लाने के लिए कहा गया है।
दो चरणों में बनाने की तैयारी
फोरलेन निर्माण को दो चरणों में बनाने की तैयारी है। इसके लिए पहले सोलन तक निर्माण किया जाएगा। उसके बाद सोलन से शिमला तक के क्षेत्र में निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। ऐसे में सोलन क्षेत्र में आने वाले विस्थापितों के लिए मुआवजा पहले ही तय कर दिया गया था। हालांकि अब मुआवजे को लेकर आर्बिटेशन कोर्ट में केस चल रहा है। मगर फोरलेन निर्माण को लेकर अथारिटी ने अब इसी माह कार्य शुरू करने का निर्णय लिया है।