शिक्षक दिवस के मौके पर प्रदेश के दो शिक्षकों को राष्ट्रीय मंच पर राष्ट्रपति सम्मानित करेंगे। 5 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में नगरोटा के संजीव शर्मा और हमीरपुर के नवीन गौतम को एनसीईआरटी नेशनल आईसीटी अवार्ड फॉर स्कूल टीचर 2015 के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। प्रदेश के लिए यह बड़े ही गौरव की बात है कि पूरे देश में से सम्मानित होने वाले 9 शिक्षकों में से 2 हिमाचल प्रदेश से सबंध रखते हैं। इसके अलावा यह प्रदेश शिक्षा विभाग के लिए भी बड़े ही गौरव की बात है कि उनके विभाग के शिक्षक नवीन गौतम को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है। साधारण परिवारों और सरकारी स्कूलों से शिक्षा ग्रहण करने वाले इन शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा के दम पर प्रदेश के नाम को राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होने वाले इन शिक्षकों को प्रश्सती पत्र के साथ मैडल से नवाजा जाएगा।
सुविधांए न होने के बावजूद भी हासिल किया मुकाम
हमीरपुर के मुंडखर स्कूल में तैनात बायोसाइंस के लेक्चरर नवीन गौतम ने अपने दम पर स्कूल को डिजिटल बनाकर उदाहरण पेश किया है। इन्होंने अपने वेतन के पैसे से इक्यूपमेंट खरीद कर मुंडखर स्कूल को राज्य का पहला डिजिटल स्कूल का दर्जा दिलाया। स्कूल की आईसीटी लैब में लगे कंप्यूटर के लिए सॉफ्टवेयर खुद खरीदे। उन्होंने बताया कि आज स्टूडेंट टेली कांफ्रेंसिंग के जरिए देश के किसी भी कोने में सीधे बात कर सके इसके लिए माइक्रोफोन व वेबकैम भी मुहैया करवाए गए। इसके लिए सारा खर्चा खुद ही किया। स्कूल के प्रिंसिपल व स्कूल मैनेजमेंट कमेटी से बातचीत कर आईसीटी लैब के लिए पर्दे व कुछ अन्य सामान खरीद कर प्रदेश का पहला डिजिटल स्कूल बनाया। आज इस स्कूल के बच्चे स्कूल में बैठकर देश व विदेश के किसी भी स्कूल से सीधे जुड़कर बात कर सकते हैं। स्कूल के लिए डिजाइन की गई वेबसाइट पर हर तरह की जानकारी उपलब्ध है। स्कूल के इतिहास से लेकर विभाग की नोटिफिकेशन इस वेबसाइट पर उपलब्ध है। हिंदी व अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में भी इस वेबसाइट पर सर्च कर सकते हैं। उनके इस प्रयास के बाद प्रशासन ने भी पहल शुरू की है।
लोहारा स्कूल की वेबसाइट बनाकर पहले पेश किया था उदाहरण
नवीन गौतम इससे पहले ऊना जिला के तहत पड़ने वाले सीनियर सैकंडरी स्कूल लोहारा में कार्यरत थे। यहां पर उन्होंने स्कूल की वेबसाइट खुद डिजाइन की थी। 5 जनवरी 2010 को इस वेबसाइट की लांच की थी। जब यह वेबसाइट बनी थी उस समय कॉलेज की वेबसाइट भी नहीं थी। अपनी तरह का अलग प्रयास यहां पर इन्होंने किया था।