शास्त्री बेचवाईज भर्तियों में बन रही असमंजस की स्थिति को दूर करने एवं वरिष्ठता क्रम में पहले के डिग्री धारकों तरजीह देने का सकारात्मक आश्वासन शिक्षा निदेशक ने दिया है। मंगलवार को शास्त्री बेरोजगार संघ का प्रतिनिधिमंडल संस्कृत अकादमी सचिव डॉ. मस्तराम एवं संघ के अध्यक्ष लेखराज शर्मा की अगुवाई शिक्षा निदेशक डॉ. मनमोहन से मिला। शिक्षा निदेशक ने बेरोजगार शास्त्री संघ के मुद्दों को गंभीरता से सुना और उसमें आ रही जटिलताओं को दूर करने के लिए हरसंभव प्रयास करने का आश्वासन दिया। संघ के अध्यक्ष लेखराज ने शिक्षा निदेशक से हुई बातचीत की जानकारी देते हुए बताया कि सीएंडवी के तहत होने वाली शास्त्री भर्तियों में वरिष्ठता के आधार वर्ष को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
इस बारे में कल संघ के द्वारा अपना पक्ष उपनिदेशक के सामने भी रखा गया था,लेकिन इस बारे में कोई स्पष्ट नीति निर्देश न होने के कारण इस मुद्दे को मंगलवार को शिक्षा निदेशक के सामने रखा गया। संघ का कहना है कि जब शास्त्री अभ्यर्थियों ने शास्त्री की डिग्री प्राप्त की उस समय अध्यापक बनने के लिए 50 प्रतिशत नम्बरों एवं टेट की शर्त अनिवार्य नहीं थी लेकिन बाद में आरएंडपी रूल्स में बदलाव होने के कारण 50 प्रतिशत और टेट की अनिवार्यता को लागू कर दिया गया। उस समय तक 50 प्रतिशत से शास्त्री किये हुए अभ्यर्थियों की संख्या लगभग नगण्य थी। तब शास्त्री बेरोजगार संघ ने शास्त्रियों को श्रेणी सुधार के अवसर दिलवाने के लिए संघर्ष किया जिसके फलस्वरूप सरकार ने शास्त्रियों को श्रेणी सुधार के लिए अवसर प्रदान किये।
अभ्यर्थी 50 प्रतिशत और टेट करके फिर से अध्यापन के लिए प्रतियोगिता में आ गये, लेकिन इस दौरान उनके शास्त्री पासआउट वर्ष और श्रेणी सुधार वर्ष में भारी अंतर आ गया। कईयों के यह अंतर दस वर्षाें से भी अधिक का हो गया है। ऐसे में अभी होने वाली बेचवाईज भर्तियों से वह बाहर हो गये हैं और भविष्य भी अंधकारमय दिखाई देने लगा है। इसी कारण उन्होंने संघर्ष की राह अपना ली है। संघ अध्यक्ष लेखराज का कहना है कि पहले सिलेबस का युिक्तकरण नहीं किया गया था जिससे बिरले ही 50 प्रतिशत से पास हो पाते थे लेकिन बाद में जब सिलेबस का युक्तिकरण किया गया तो शास्त्री अभ्यर्थी अच्छे नम्बरों से पास होने लगे, लेकिन पुराने अभ्यर्थियों के साथ यह घोर अन्याय है कि व्यवस्था के दोषों के कारण पुराने अभ्यर्थियों को बेचवाईज प्रक्रिया से बाहर का रास्ता दिखाया जाये। शिक्षा निदेशक के बाद अब शीघ्र ही संघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मुलाकात करके अपना पक्ष उनके सामने रखेंगें। संघ के लोगों को भरोसा है कि मुख्यमंत्री पुराने हजारों शास्त्री अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में संघ के पदाधिकारियों में रविंद्र, मदन शर्मा, सालिग कुमार, दुष्यंत, जयदेव एवं राकेश सहित अनेक लोग सम्मिलित रहे।