शांता कुमार की चिट्ठी को लेकर अब भाजपा के भीतर तूफान खड़ा होता नज़र आ रहा है। इस मसले पर शांतकुमार को केंद्रीय स्तर पर घिरे देख उनके धुर विरोधी पूर्व मंत्री एवं देहरा के विधायक रविंद्र रवि ने भी उनको घेरेने की कोशिश की थी। रवि ने शांता कुमार पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का भ्रष्टाचार अनदेखा करने और वीरभद्र सिंह से दोस्ती रखने के गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होने ये भी कहा था की शांता कुमार की जिद्द के चलते भाजपा विधानसभा चुनाव हारकर सत्ता से बाहर हो गयी थी। इसके बाद पार्टी मे तूफान खड़ा हो गया है।
पार्टी अध्यक्ष सतपाल सती ने इस सारे मसले पर कडा संगयान लेते हुये रवि को चेतावनी जारी की है। सतपाल सती ने कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुये कहा है की इस तरह से मीडिया मे बयानबाजी करके पार्टी के नेता सार्वजनिक मंच पर पार्टी की किरकिरी करवा रहे हैं जिससे विरोधियों को बोलने का मौका मिलता है। लिहाजा भविष्य मे इस तरह की बयानबाजी से परहेज किया जाए अन्यथा अनुशासनात्मक कारवाई की जाएगी और उसमे नेता का कद नहीं देखा जाएगा की वो कितना बड़ा है। पार्टी विरोधी कदम को सख्ती से निबटाया जाएगा।
भाजपा अध्यक्ष के अनुसार भाजपा एक बड़ा परिवार है जिसमे गाहे बगाहे मतभेद स्वभाविक हैं लेकिन इस तरह से बयानबाजी करके किसी को भी सर्वेसर्वा बनने की चेष्टा नहीं करने दी जाएगी। उन्होने साफ किया की शांता कुमार के चर्चित पत्र पर केंद्रीय हाई कमान को फैसला करना है और जो ऊपर से निर्देश होंगे उनका पालन किया जाएगा लेकिन इसका मतलब ये नहीं की प्रदेश के नेता एक दूसरे पर छींटाकशी करना शुरू हो जाएँ। उन्होने सभी नेताओं को संयम बरतने एवं मीडिया मे नाहक बयानबाजी से बचने के निर्देश देते हुये कहा है की ऐसे बयानो को फिलहाल पार्टी की निर्णायक समिति पर छोड़ दिया जाए और खुद से कोई अर्थ नहीं निकाले जाएँ। उन्होने साफ किया की ऐसी ब्यानबाजी स्वीकारी नहीं है और भविष्य मे ऐसा करने वालों पर पार्टी के नियम कायदे के अनुसार कड़ी कारवाई की जाएगी।
भाजपा अध्यक्ष के इन तेवरों से हालांकि उनके द्वारा इस बयानबाजी से उत्पन्न स्थिति को संभालने का आभास होता है लेकिन ये भी तय है की अब रवि विरोधी खेमा पलटवार करेगा और ऐसा हुआ तो रायता और फैलेगा। इस मसले पर रविंद्र रवि से संपर्क साधने पर उन्होने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। उल्लेखनीय है की रवि ने ये भी कहा था की पिछले विधानसभा चुनाव मे पार्टी शांता की जिद्द की वजह से हारी थी। यही नहीं रवि की बयानबाजी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रेम कुमार धूमल के छोटे पुत्र अरुण सिंह ने भी फेसबुक पर शांता को लिखी मनोरंजन कालिया की चिट्ठी शेयर करते हुये शांता से जवाब मांगा था। मनोरंजन कालिया ने शांता कुमार पर पंजाब से इक्कठा किए करोड़ों के चुनावी चंदे के घालमेल के आरोप लगाए थे।