दिल्ली उच्च न्यालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जयंतनाथ की खंडपीठ वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह की तरफ से दायर उन अर्जियों पर अपना फैसला सोमवार को सुनाएगी,जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है।
ज्ञात हो कि 23 मार्च के आदेश में ईडी ने प्रोविजनल अटेवमेंट आर्डर पास किया था। साथ ही उनके खिलाफ मनी लॉडिंग के मामले में चल रही कार्रवाई पर भी रोक लगाने की मांग की है
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी की तरफ से पेश होते हुए दलील दी है कि उनके मुविक्कलों ने अंडरटेकिंग दी है कि वह उन संपत्तियों से कोई छेड़छाड़ नहीं करेंगे,जिनको ईडी ने जब्त किया है। ऐसे में ईडी के दिमाग में ऐसा कुछ नहीं होना चाहिए कि वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी इन संपत्तियों को बेच देंगे।
दलील दी कि 31 मई को इस मामले में अंतिम आदेश दिया जा सकता है। इसलिए वीरभद्र सिंह व उनकी पत्नी को फिलहाल तब तक राहत दे दी जाए,जब तक उनके द्वारा ईडी के आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं का निपटारा नहीं हो जाता है।