शिक्षा, विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज आधुनिक भारत में राष्ट्रवाद की अलख जगाने वाले राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के पर्याय, प्रखर राष्ट्रवादी व राजनीतिक दिग्गज नेता डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर उन्हें श्रंद्धाजलि अर्पित की तथा इस अवसर पर उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित भी किया। उन्होंने कहा कि डाॅ. मुखर्जी भारतीय राजनीतिक पटल पर वो धुमकेतु थे, जिन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात् भारतीय स्वरूप के पूर्ण निर्माण तथा प्राचीन संस्कृति के अनुरूप राष्ट्र निर्माण की अलख जगाने के लिए अपना भरपूर योगदान दिया। उन्होंने इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए भारत की अंतरिम सरकार में मंत्री पद स्वीकार किया तथा विचार भेद के कारण राष्ट्र भक्ति व राज धर्म निभाते हुए पद से त्याग पत्र भी दिया। डाॅ. मुखर्जी प्रत्येक भारतीय के लिए प्रेरणा स्त्रोत रहे। राष्ट्र भक्ति के उनके अटूट विश्वास से हमें सीख लेने की आवश्यकता है।उन्होंने कहा कि डाॅ. मुखर्जी 33 साल की छोटी उम्र में ही कलकत्ता विश्व विद्यालय के कुलपति बने। उन्होंने कहा कि डाॅ. मुखर्जी ने देश के पुनर्निमाण तथा प्राचीन संस्कृति निर्माण व देश का विभाजन न हो इसके लिए परिस्थितियों से समझौता ने करते हुए पद को त्यागना बेहतर विकल्प समझा। उन्होंने कहा कि डाॅ. मुखर्जी ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के द्वितीय संघ चालक परम पूज्य श्री गुरू जी के साथ मिलकर एक राजनीति पार्टी का गठन किया, जिस पार्टी का नाम जन संघ रखा गया। 1951 में इस पार्टी का गठन करने वाले डाॅ. मुखर्जी उसके संस्थापक बने।इस दौरान उनके साथ पंडित दीन दयाल उपाध्याय, अटल बिहारी वाजपेयी, सुन्दर सिंह भण्डारी, लाल कृष्ण अडवाणी, शांता कुमार तथा अनेक लोगों ने इस अभियान में उनका साथ दिया। उन्होंने बताया कि जो सपना डाॅ. मुखर्जी द्वारा राष्ट्र निर्माण में परम वैभव की स्थिति के लक्ष्य की पूर्ति के लिए वर्तमान सरकार सम्पूर्ण रूप से कार्य कर रही है। कश्मीर के प्रति एक देश में दो निशान दो विधान दो प्रधान नहीं चलेगें के अलख को डाॅ. मुखर्जी ने जगाया, जिसकी पूर्ति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कुशल नेतृत्व में सुनिश्चित हुई है।इस अवसर पर जिला भाजपा एवं कैलाश फैडरेशन के अध्यक्ष रवि मेहता, मण्डलाध्यक्ष राजीव शारदा, महामंत्री लखनपाल व सुशील चौहान उपस्थित थे।
राष्ट्रीय एकता व अखण्डता के पर्याय डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी का मनाया गया बलिदान दिवस
एक देश,एक विधान ,एक निशान का जगाया अलख