मुख्य सचिव अनिल खाची ने 25 जनवरी, 2021 को प्रदेश के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित की जाने वाली विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी स्थिर नहीं होनी चाहिए, यह पुस्तक पढ़ने के अनुभव की तरह होनी चाहिए।
उन्होंने अधिकारियों को डिस्प्ले के प्रयोग और कम से कम सामग्री इस्तेमाल करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि जहां आवश्यक हो वहां द्विभाषी शब्दों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों को डिस्प्ले के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विभिन्न विषयों की प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गतिशील डिस्प्ले पर अधिक ध्यान जाता है। स्थिर डिस्प्ले, गतिशील डिस्प्ले की तरह आकर्षित नहीं होते हैं। दर्शकों को राज्य के पिछले 50 वर्षों की विकास यात्रा जीवंत अनुभव होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी का एक मानक होना चाहिए। एकरस्ता को तोड़ने के लिए और प्रदर्शनी को अच्छा बनाने के लिए इनके आकार भिन्न हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी में प्रयोग होने वाली सामग्री का अव्यवस्थित प्रयोग नही होना चाहिए ताकि यह स्पष्ट सन्देश दे।
उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को प्रदर्शनी में प्रदेश की विकास यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए बेहतरीन माध्यम का प्रयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग को विभाग द्वारा निर्मित किए जा रहे वृतचित्र के 2 से 3 मिनट के छोटे टीजर बनाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को प्रदर्शनी समयबद्ध लगाने के निर्देश दिए।