मानव वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिये वनरक्षकों ने सीखी तकनीक

वन विभाग ने ट्रैंक्विलाइज़ेशन उपकरणों से संबंधित पहली कार्यशाला का किया आयोजन

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आज वन्यप्राणी प्रभाग वन विभाग के मुख्यरण्यपाल अनिल ठाकुुुर मानव वन्यजीव संघर्ष से निपटने के लिये वन्यप्राणी मंडल शिमला द्वारा आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ टूटीकंडी में किया।

अनिल ठाकुर के कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य हमारे फ्रंट लाइन स्टाफ (वन रक्षकों) को ट्रैंक्विलाइज़ेशन उपकरणों के बारे में अवगत करवाना और अपने-अपने क्षेत्रों में वन्यप्राणी संघर्ष को कम करने के लिये सही तरीके से इसका इस्तेमाल करने के प्रति सजग बनाना है क्योकि हिमाचल प्रदेश में सभी क्षेत्रों में मानव वन्यजीव संघर्ष के मामले आते रहते हैं। ट्रैंण्ड स्टाफ की कमी से शिमला से ही टीम को पूरे हिमाचल प्रदेश में भेजना पड़ता है तभी इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया गया है।
कार्यशाला में हिमाचल प्रदेश वन विभाग के 7 वन मंडलों के लगभग 16 वनरक्षकों ने भाग लिया ।
कार्यशाला में डॉ. रोहित वेटनरी ऑफिसर ने कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों क्विलाइज़ेशन उपकरणों को सही तरीके से इस्तेमाल करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया।
इस कार्यशाला में कृष्ण कुमार वन मंडलाधिकारी ,वन्यप्राणी मंडल शिमला, डॉ.पूजा वेटनरी ऑफिसर ,प्रोमोद गुप्ता ,विनय कुमार ,नरेंद्र कुमार, जगत राम और ईश्वर भी उपस्थित रहें।

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