आईजीएमसी शिमला में कल कोविड-19 की जांच के लिए 90 लोगों के सैंपल लिए गए थे। शिमला जिले से 50 और बिलासपुर जिले से 40 सैंपल लिए गए थे। इनमें से शिमला में 6 और बिलासपुर से 21 सैंपल की रिपोर्ट आना बाकी था। इन्हीं सैंपलस में मंडी सरकाघाट के युवक की मां और ताया के सैंपल भी थे । जांच रिपोर्ट में युवक की मां कोरोना पॉजिटिव पाई गई हैं जबकि ताया की रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
मां को मशोबरा के आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही मृतक युवक के साथ वार्ड में रखे गए 6 मरीजों की जांच भी नेगेटिव आई है । आईजीएमसी अस्पताल प्रशासन के 15 सदस्यों की शुरुआती जांच भी नेगेटिव आई है। गौरतलब है कि इन सभी को कोरेंटिंन किया गया था।
अफवाओं पर न दे ध्यान……
आईजीएमसी के एमएस डॉ जनकराज ने आम जनता से अफवाओं से दूर रहने का आग्रह किया है। उन्होंने पिछले कल सोशल मीडिया में लोअर बाजार में कोरोना पॉजिटिव केस के होने की अफवाओं का खंडन करते हुए कहा कि यह पेंडेमिक एक्ट के तहत अपराध है और लोग ऐसी अफवाओं से दूर रहे।
नहीं होगी ओपीडी बंद..
सोशल मीडिया में फैली इस अफवाह के चलते ओपीडी के बंद होने के भी कयास लगाए जा रहे थे। डॉ जनकराज ने इस बात का भी खंडन किया है । उन्होंने कहा कि ओपीडी पूरी तरह से सुरक्षित है और मरीजों की सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कोविड-19 के मरीजों का सेंटर अस्पताल से उचित दूरी पर है और मरीजों को अलग रास्ते से ले जाया जा रहा है। अस्पताल के मुख्य एंट्रेंस से कोरोना संक्रमितों का आना-जाना नहीं है। इस कारण खतरे की कोई भी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मरीज पूरी तरह से निश्चित रहे और घबराएं न।