सीटू के अखिल भारतीय आह्वान पर देशभर में मजदूरों द्वारा जोरदार प्रदर्शन किए गए। इस दौरान हिमाचल प्रदेश में भी मजदूरों ने रैली,धरने व प्रदर्शन किए। शिमला के डीसी ऑफिस पर जोरदार प्रदर्शन किया गया।
सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि श्रम कानूनों को खत्म कर बनाई गईं मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं के खिलाफ, न्यूनतम वेतन 21हज़ार रुपये घोषित करने आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा वर्करज़ को सरकारी कर्मचारी घोषित करने व हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन देने,फिक्स टर्म,ठेका,पार्ट टाइम,टेम्परेरी व कॉन्ट्रैक्ट रोज़गार पर अंकुश लगाने,आठ के बजाए बारह घंटे डयूटी करने के खिलाफ,कोरोना काल में हुई करोड़ों मजदूरों की छंटनी,कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली,भारी बेरोजगारी,हर आयकर मुक्त परिवार को 7500 रुपये की आर्थिक मदद,हर व्यक्ति को दस किलो राशन की सुविधा,मजदूरों के वेतन में कटौती ,ईपीएफ व ईएसआई की राशि में कटौती,किसान विरोधी तीन कानूनों व बिजली विधेयक 2020 के मुद्दे पर हिमाचल प्रदेश के मजदूर सड़कों पर उतरे।
उन्होंने कहा है कि हिमाचल प्रदेश में मजदूरों व किसानों के इन मुद्दों पर प्रदेशभर में फैक्टरी,उद्योग, एसटीपी,होटल,रेहड़ी फड़ी,आंगनबाड़ी,मिड डे, मील,ट्रांसपोर्ट,हाइडल प्रोजेकटों,स्वास्थ्य,बिजली आदि से संबंधित कार्यस्थलों पर जोरदार प्रदर्शन किए गए। सीटू द्वारा 24 से 31 जनवरी तक प्रदेश के विभिन्न जिलों में जत्थे चलाकर केंद्र व राज्य सरकार की मजदूर व किसान विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा। इस दौरान शिमला,कुल्लू व हमीरपुर से विभिन्न जिलों के लिए तीन जत्थे चलाए जाएंगे। विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा पर मजदूरों का विराट प्रदर्शन होगा जिसमें हजारों मजदूर विधानसभा पर हल्ला बोलेंगे व सरकार को मजदूर मांगों को मानने के लिए मजबूर किया जाएगा।
इस मौके पर विजेंद्र मेहरा,बालक राम,किशोरी ढटवालिया,रामप्रकाश,रंजीव कुठियाला,संगीता ठाकुर,महेश कुमार,प्रेम लाल,प्रकाश शर्मा,बसन्त सिंह,वीरेंदर नेगी,शेर सिंह,सुरेंद्र सिंह,पदम् सिंह,रत्ती राम,देशराज,राजन खाची,मनु आदि ने भाग लिया।