भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल का त्यागपत्र

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चार माह पहले विधानसभा अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर भाजपा प्रदेशाध्यक्ष बनने वाले डाॅ.राजीव बिंदल ने इस्तीफा दे दिया है। स्वास्थ्य विभाग में सामान की खरीद के बदले में पैसे की लेन-देन को लेकर हुए कथित घोटाले और इसमें विपक्ष द्वारा भाजपा को घसीटने के चलते बुधवार को भाजपा अध्यक्ष डाॅ.राजीव बिंदल ने नैतीकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को डाॅ.बिंदल ने कहा कि इस कथित घोटाले में सरकार की तरफ से पूरी निष्पक्षता के साथ जांच की जा रही है और इस मामले में भाजपा के किसी भी कार्यकर्ता की जरा सी भी संलिप्तता नहीं है और भाजपा का दामन पाक साफ है। डाॅ.बिंदल ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को अपना इस्तीफा प्रेषित करते हुए कहा कि क्योंकि मैं भाजपा हिमाचल प्रदेश का अध्यक्ष हूं और हम चाहते हैं कि कथित भ्रष्टाचार की संपूर्ण जांच हो और किसी प्रकार का दबाव न हो इसलिए मैं नैतिक मूल्यों को ध्यान में रखते हुए पद से त्यागपत्र सौंप रहा हूं। डाॅ.बिंदल ने अपने इस्तीफे के साथ एक विडियो मैसेज भी जारी किया है जिसमें उन्होंने अपने इस्तीफे के कारणों के बारे में खुलकर बताया है।

गौर रहे कि स्वास्थ्य विभाग के निदेशक की आॅडियो क्लीप वायरल होने के बाद प्रदेश सरकार ने इस मामले में विजिलेंस इन्क्वायरी शूरू की है और इसमें मामले में संलीप्त निदेशक को हिरासत में लिया गया है। निदेशक की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष की ओर से इस कथित घोटाले में भाजपा की संलीप्तता का आरोप लगाया था। इसी के चलते डाॅ.बिंदल ने अपने पद से इस्तीफा दिया है।

कब क्या हुआ:

कोरोना से बचाव के सामान खरीद में घपले मामले में एक ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो ने हेल्थ विभाग के डायरेक्टर डाॅ.ए के गुप्ता को गुरुवार तड़के तीन बजे गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार देर रात एसीएस हेल्थ आर डी धीमान ने मामले की जांच का जिम्मा विजिलेंस को सौंपा। वायरल ऑडियो मामले में हुई पूछताछ के दौरान जांच में सहयोग न करने पर विजिलेंस ने डॉक्टर गुप्ता को गिरफ्तार किया है। बुधवार देर शाम विजिलेंस ने डॉ. गुप्ता को पूछताछ के लिए ब्यूरो मुख्यालय तलब किया था, ऐसे में शाम के समय वह मुख्यालय पहुंचे और देर रात तक पूछताछ का दौर चला। इसके बाद अधिकारी को नियमानुसार मेडिकल जांच के लिए आईजीएमसी ले जाया गया। जहां पर उसे बीपी व शुगर का मरीज होने के चलते भर्ती कर लिया गया। मामले की जांच ब्यूरो की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को सौंपी गई है। विजिलेंस की टीम आईजीएमसी पहुंची औ डायरेक्टर हेल्थ डा. ए के गुप्ता से पूछताछ की। जांच टीम अब आरोपी को आईजीएमसी से छुट्टी मिलने के बाद ही कोर्ट में पेश की गई जहां से उन्हें विजिलेंस की टीम के पास पूछताछ के लिए भेज दिया गया है। इसी बीच स्वास्थ्य निदेशक के घर और स्वास्थ्य निदेशालय में भी दबिश दी और अहम दस्तावेजों को कब्जे में लिया है|


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