कांगड़ा और मंडी जिलों की सीमा पर स्थित दुनिया की सबसे खूबसूरत फ्लाइंग वैली बीलिंग मे होने वाले देश के पहले पैरा ग्लाईडिंग विशव कप के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गई है। प्रतियोगिता 24 से 31 अक्तूबर के बीच होगी। रंग-बिरंगे मानवीय परिंदो के इस महाकुंभ मे उड़ान भरने वाले पायलटों की अंतिम सूची अगले शुक्रवार की जारी हो जाएगी। उसके बाद रेकी और रिहर्सल के लिए विंडो खुल जाएगी। स्पर्धा मे अपना दम-खम और उड़ान कौशल दिखाने के लिए 570 देसी विदेशी पैरा ग्लाईडरों ने आवेदन किए हैं । चूंकि स्पर्धा मे इतने ज्यादा पायलटों को उड़ने की अनुमति नहीं रहेगी इसलिए आयोजक अब सभी आवेदकों की रैंकिंग के हिसाब से अंतिम सूची तय करने मे लगे हुये हैं।
विशव पैरा ग्लाईडिंग संघ के नियमानुसार ज्यादा से ज्यादा दो सौ पायलटों को ही उड़ने का मौका दिया जा सकता है। इसमे महिला, पुरुष सहित सभी वर्गों के पायलट सम्मलित होंगे। ऐसे मे दुगने से अधिक आवेदन पाकर आयोजकों की बांछें खिल उठी हैं। बीलिंग पैरा ग्लाईडिंग एसोसिएशन के निदेशक अनुराग शर्मा के अनुसार इतनी ज्यादा संख्या मे आवेदन आने से जहां हम उत्साहित है वहीं ये कठिन चुनौती की तरफ भी इशारा करता है। लेकिन एसोसिएशन की टीम चुनौती से पार पाने के लिए तयार है।
अभी तक उनचास देशो से आवेदन आए हैं। विशव पैरा ग्लाईडिंग संघ की रैंकिंग के हिसाब से पहले पचास मे से तीस पायलट यहाँ उड़ान भरेंगे ये तय है। चालीस महिलाएं भी स्पर्धा मे हिस्सा लेंगी। हालांकि महिला वर्ग मे हिंदुस्तान की शमूलियत पर शंका है। एक मात्र भारतीय महिला पायलट मीनू पांडे हैं जिनहोने आवेदन किया है लेकिन कठिन रैंकिंग नियमो के चलते उनको सीट मिल पाना भी शायद संभव नहीं हो पाएगा। इसी तरह पुरुष वर्ग मे भी चार से अधिक हिंदुस्तानी पायलटों को सीट नहीं मिल पाएगी जिनमे सबसे ऊपर अजय शर्मा और गुरप्रीत ढिंडसा हैं जिनके के नाम लगभग तय हैं। मुख्यत आस्ट्रेलिया , जापान, रूस, तुर्की, कोलम्बिया , फ्रांस और स्पेनिश पायलटों के बीच मुक़ाबला होगा। महिला पायलटों मे से अधिकांश जापान और कोरिया की हैं । आठ दिन के इस पेरा ग्लाईडिंग महाकुंभ मे छह दिन चैलेंज और टास्क दिया जाएगा और करीब हर रोज़ पायलट सौ किलोमीटर से अधिक की दूरी नापेंगे। भारत मे इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ । ऐसे मे आयोजन की सफलता देश मे रोमांचक खेलों के नए आयाम भी स्थापित करेगी।