हिमाचल की पोंग झील अब प्रवासी पक्षियों के प्रजनन की भी पहली पसंद बनती जा रही है।पूरे विषव मे सर्दियों मे सारवधिक परवासी पक्षियों की आश्रयस्थली ये झील अब इन पक्षियों को इतनी भा गई है की भारी संख्या मे कई प्रजातियों ने इसे प्रजनन स्थली के रूप मे भो अपना लिया है। और ये सिलसिला यूं ही चलता रहा तो जल्द ही विदेशी परिंदे पोंग को स्थायी रूप से अपना घर भी बना सकते हैं जो हिमाचल मे पर्यटन को नए आयाम दे सकता है।
हाल ही मे पोंग झील मे सम्पन्न पक्षियों की गणना मे ये बात सामने आई है की 12 हज़ार पंछी सर्दी के बाद अपने मूल इलाकों मे नहीं लौटे हैं और इनहोने यहीं प्रजनन कर अपने परिवार बढ़ाने को तरजीह दी है। सबसे अधिक संख्या मेन झील मे कैटलएरगेट पाये गई है जिनकी संख्या 3345 है लेकिन सबसे बड़ी बात ये की इनमे 1305 लिटल एरगेट हैं यानि इतनी बड़ी संख्या मे इस प्रजाति ने झील मे प्रजनन किया है। इसी तरहा इस सामी पोंग मे 200 से अधिक कोरमेट 1024 रेड लवपिंग रेह र्हए हैं।
कुलमिलाकर चार सौ प्रजीटीओन के पक्षी इस सामी बी झील मैं रेह रहे हैं जबकि ये सीजन प्रवास का नहीं प्रजनन का है। ऐसे मे वन्यप्राणी विभाग की बांछे खिली हुयी है। विभाग के प्रधान सचिव तरुण श्रीधर के अनुसार ऐसा प्रतीत होता है की प्रवासी पक्षी अब इस झील के सुरम्य और सुरक्षित माहौल को इतना पसंद करने लगे हैं की कुछ माह के प्रवास के बजाए अब इसे स्थायी घर बनाने की ओर बढ़ रहे हैं। और अगर ऐसा है तो ये बड़ी बात होगी । साल भर पोंग के विदेशी परिंदों के गुलज़ार रहने से जहां पर्यटन फलेगा वहीं अन्य गतिविधियां होने से भी इलाके की आर्थिकी को संबल मिलेगा।
यही नहीं परिंदो के बजाए पोंग झील मे माहिरों ने साँपों की 18 , मछलियों की 26 और तितलियों की भो 90 प्रजतीयन दर्ज की हैं। ऐसे मे पोंग मे राज्य सरकार एक बटरफ्लाइ पार्क और एक एक्वेरियुम बनाने की योजना पर भी गंभीरता से गौर कर रही है।