कोविड -19 को लेकर की जा रही राजनीति पर पक्ष-विपक्ष आमने-सामने आ गए हैं। शिमला ग्रामीण के विधायक विक्रमादित्य सिंह ने जय राम ठाकुर द्वारा लगाए गए राजनीति करने के आरोपों पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पक्ष की कमियों को उजागर करना विपक्ष का काम है और वह विपक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारियों को निभा रहे हैं । मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को इसे व्यकितगत नहीं लेना चाहिए। विक्रमादित्य ने कहा कि जनता से जुड़े मुद्दे उठाना उनका काम है इस पर नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है और मुद्दे उठाना निंदा नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से सरकार कोविड-19 महामारी से निपट रही है लेकिन जमीनीस्तर पर कमियों को उजागर करना हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि हमने सरकार के हर फैसले का स्वागत किया है और सरकार की सभी अपील को माना है फिर चाहे वो पीएम मोदी की ताली-थाली बजाने से लेकर दिये जलाने तक की बात मानी है। पार्टी को पीछे रख कर राष्ट्र और प्रदेश हित में सरकार के साथ विपक्ष खड़ा रहा है।
किसान, बागवान टूरिज्म को लेकर कोई योजना नहीं:
विक्रमादित्य ने कहा कि हमनें अपने प्रदेश के किसानों बागवानों की परेशानियों को देखते-समझते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष लोगों की परेशानियों को रखा है और सिर्फ हमने इन परेशानियों और मुद्दों को निपटने के सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा प्रदेश पर्यटन, कृषि और बागवानी प्रधान है। तीनों सेक्टर्स में कोरोना महामारी के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा है। लगभग 4000 हजार करोड़ रुपए की इकोनॉमी होने के बावजूद भी सरकार कोई ठोस योजना नहीं बना पाई है। सेब की फसल आने को हैं लेकिन पेटियों का कोई प्रावधान नहीं किया है। अभद्र भाषा के आरोपों का खंडन करते हुए विक्रमादित्य ने कहा कि हमने सिर्फ जनता के मुद्दों को उठाया है और हम यह मुद्दे उठाते रहेंगे।
कोरेंटिन व्यवस्था करने में सरकार विफल रही :
इसके अलावा विक्रमादित्य ने कहा कि कोरेंटिन करने की व्यवस्था पुख्ता रूप से सरकार को करनी चाहिए थी लेकिन सरकार इसमें सरकार विफल रही है। ऊना ,कांगड़ा और परवाणु सीमा पर भारी तादाद में लोग देखने को मिले जिस कारण आज संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
सरकार का दोहरा मापदंड :
उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भी पत्र लिख कर सुझाव दिए थे लेकिन अभी तक कोई अमल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्वस्थ होने के बावजूद भी पूर्व मुख्यमंत्री राज्यपाल के पास गए और कोरोना संकट और प्रदेश के बागवानों की समस्याओं को बताया साथ ही इनसे निपटने के महत्वपूर्ण सुझाव दिए। इन सुझावों पर गौर करने की जगह सत्ता पक्ष टिप्पणी कर स्वयं राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने अभी तक एक भी बैठक वरिष्ठ दिग्गज नेताओं के साथ नहीं की है। उन्होंने कहा कि सीएम जयराम ठाकुर को सभी के सुझावों को लेना चाहिए और सकारात्मक सोच के साथ सभी को मिल कर आगे बढ़ना चाहिए।
इसके अलावा विक्रमादित्य ने कहा कि पीपीई किट ,सेनेटाइजर और मास्क को लेकर किए जा रहे घोटालों पर सरकार पर नजर रखनी चाहिए और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही करनी चाहिए। केंद्र सरकार के पैकेज का भी स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि आम जनता को राहत मिलेगी।