
नाहन: विशेष न्यायधीश जसवंत सिंह की अदालत ने बिना लाइसेंस क्लीनिक चलाने व नशीली दवाइयां बेचने वाले एक संचालक को 5 साल की कठोर जेल व 1.20 लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अदालत में मामले की पैरवी उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने की।
नशीली दवाओं के बेचने का यह मामला 2010 से चला आ रहा था। उप जिला न्यायवादी एकलव्य ने बताया कि विशेष अदालत ने पांवटा के गोंदपुर में मैसर्ज पाठक क्लीनिक चलाने वाले विश्वजीत पाठक को ड्रग एंड कास्टेमिक एक्ट की धारा 27वी-2 में 5 साल की कठोर जेल व एक लाख रुपये जुर्माना व सेक्शन 28 में एक साल का कठोर कारावास व 20 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है। यह दोनों सजाएं साथ चलेंगी। उन्होंने बताया कि 4.9.2010 को गोंदपुर में क्लीनिक चलाने वाले विश्वजीत की दुकान पर संबंधित विभाग ने दबिश दी थी। इस दौरान दुकान से नशीली व अंग्रेजी दवाइयां बरामद हुई, जिसका लाइसेंस वह पेश नहीं कर सका। इसके बाद मामले में विभाग के अलग-अलग ड्रग इंस्पेक्टर ने तफ्तीश की। मौजूदा समय में विभाग की ड्रग इंस्पेक्टर भूमिका मंगला ने इस मामले में सक्रियता से कार्रवाई कर अदालत में गवाह पेश किए। उन्होंने ड्रग विभाग की ओर से अदालत की कार्रवाई के दौरान गवाह पेश करने मे अपना भरपूर सहयोग दिया।
शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश जसवंत सिंह की अदालत ने आरोपी विश्वजीत को दोषी करार देते हुए यह सजा सुनाई। उन्होंने बताया कि ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट की दोनों धाराओं में मिली सजाएं एक साथ चलेंगी।