नगर निगम शिमला अब शिमला के आम नागरिकों को भी आपदा प्रबंधन के लिए तयार करेगा। इसके लिए राज्य आपदा प्रबंधन और यू एन डी पी का सहयोग लिया जाएगा । शिमला शहर भूकंप की दृष्टि से अति संवेदनशील ज़ोन चार मैं आता है, इसके अलावा भूस्व्ख्लन और आगजनी भी शहर की बड़ी समस्या है और हर साल प्रकृतिक आपदा से शहर मैं डेढ़ से दो सौ करोड़ का नुकसान होता है। ऐसे मैं संपत्ति के साथ साथ जन के नुकसान का भी अंदेशा लगातार बढ़ रहा है । यही वझा है की नगर निगम ने अपनी तरह का ये अनूठा प्रयोग करने का बीड़ा उठाया है। इस सारे प्रोजेक्ट को बुआरे नाम दिया गया है। स्थानीय भाषा मैं बुआरे का मतलब मिलजुलकर सामुदायिक काम निबटना है। और यही इस प्रोजेक्ट की खासियत भी है।
नगर निगम के उप महापौर टिकेन्द्र पँवार के मुताबिक सभी पाचीस वार्डों मैं आपदा से निबटने के लिए सात सात लोगों की प्रशिक्षित टीम बनाई जाएगी। पहले चरण मैं राज्य आपदा प्रवनधन और प्रशासन के साथ मिलकर मास्टर ट्रेनर तयार किए जाएंगे। इनमे प्र्शसनिक अधिकारी, अग्निशाम्न , स्वास्थ्य और पुलिस के लोग होंगे । ये लोग दूसरे चरण मैं ट्रेनर तयार करेंगे और बाद मैं तीसरे चरण मैं ये ट्रेनर हर वर्ड मैं सैट सैट लोगों की एक टीम तयार करेंगे जिन्हें भूकंप, अग्निकांड या भू स्वखलन के समय मैं आपदा राहत का प्रशिक्षण होगा। मास्टर ट्रेनर के अतिरिक्त सभी स्तरों पर कोई भी नागरिक हिस्सेदारी निभा सकता है जिसके पंजीकरण के लिए आगामी रविवार को हर वर्ड मैं निगम की टीमें आवेदन लेंगी। ये शमूलियत हालांकि स्वंयसेवा के आधार पर होगी तथापि उपकरण और प्रशिक्षण पर साढ़े 12 करोड़ खर्च होंगे । ये पैसा यू एन डी पी और राज्य आपदा प्रबंधन कोष से आयेगा।