पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावडेकर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि उनका मंत्रालय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड डीसी) अवक्रमित वनों में वृक्षारोपण के लिए लोगों की भागीदारी के माध्यम से पैन इंडिया स्तर पर राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम (एनएपी) क्रियान्वित कर रहा है और इसने राष्ट्रीय हरित भारत मिशन (जीआईएम) भी शुरू किया है जो 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र पर वन और वृक्ष आवरण में वृद्धि करने तथा अन्य 5 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र पर वन आवरण की गुणवत्ता में सुधार करने पर लक्षित है। एनएपी के वर्ष 2000 में शुरू होने से इसके अंतर्गत अब तक लगभग 3545 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 2 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र पर वनीकरण किया गया है।
प्रतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन और आयोजना प्राधिकरण (काम्पा) के अंतर्गत निधि का उपयोग, अन्य बातों के साथ-साथ, प्रतिपूरक वनीकरण सहित रोपण कार्यकलाप के लिए भी किया जाता है। एक बहु-विभागीय प्रयास होने अलावा वनीकरण केंद्र प्रायोजित एमजीएनआरईजीए स्कीम, एकीकृत जलसंभर प्रबंधन स्कीम, राष्ट्रीय बांस मिशन और विभिन्न राज्य योजना एवं गैर-योजना स्कीमों के अंतर्गत भी किया जाता है।