ठियोग की ददास पंचायत के जठाई गांव में कृषि विभाग व मोरारका फाऊंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय शिविर का आयोजन कर किसानों को जैविक खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। शिविर में शामिल गांव के 26 किसानों में सशक्त महिला संगठन की महिलाएं भी शामिल थीं। इस शिविर की अध्यक्षता किसान सलाहकार समिति के सदस्य संजीव शर्मा ने की। इस शिविर में किसानों को शिमला जिला में चल रहे जैविक खेती कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया गया कि रासायनिक खादों से खेतों की मिट्टी और फसलों पर होने वाले दुष्प्रभावों से बचना जरूरी है और इसके लिए किसान अपने खेत बागीचों में जैविक उत्पादों का इस्तेमाल करें। इसके लिए किसान अपने घर में पालतु पशुओं व अन्य वस्तुओं को इस्तेमाल कर सकते हैं।
किसानों को वर्मी कांपोस्ट खाद बनाने, हर्बल स्प्रे, जीवामृत, वर्मी वॉश आदि कीटनाशक व फंफूंदी नाशक बनाने की विधि सिखाई गई। प्रोजेक्ट प्रबंधक नरेन्द्र वर्मा ने जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि तीन सालों की इस कार्ययोजना में शिमला जिला में 150 किसानों की 100 हैक्टेयर खेती योग्य भूमि के पूरी तरह से जैविक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इससे किसानों की लागत कम होगी और किसानों को घर द्वार पर प्रमाणीकरण की सुविधा भी मिलेगी।