शहर की सबसे बड़ी और आधुनिक पार्किंग का निर्माण शुरू हो गया है। 64 करोड़ की लागत से इस पार्किंग में 700 वाहनों को खड़ा करने की सुविधा मिल सकेगी। इस पार्किंग को आधुनिक इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस पार्किंग में वाहनों की पार्किंग के साथ टूरिस्टों की सुविधा का भी विशेष ख्याल रखा गया है। पार्किंग में कामर्शियल स्पेश के अलावा टॉप फ्लोर पर फुड कोर्ट होगा जहां पर पर्यटक विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को लुत्फ उठा सकेंगे। इसके अलावा पार्किंग में खड़े होने वाले वाहनों के ड्राइवर के लिए रात को ठहरने की व्यवस्था भी की जाएगी। यह पार्किंग इको फ्रेंडली और सुरक्षा के लिहाज से भी बिल्कुल सुरक्षित होगी।
एडीबी की फंडिंग से होगा निर्माण
पर्यटन विभाग की ओर से प्रस्तावित इस पार्किंग के निर्माण में 64 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके लिए एडीबी की फंडिंग दी जा रही है। पर्यटन विभाग की ओर से प्रोजेक्ट तैयार किया गया था जिसे विभाग ने फंडिंग के लिए एडीबी को भेजा और एडीबी ने पिछले वर्ष ही इसके निर्माण के लिए 64 करोड़ देने में हामी भरी है।
फूड कोर्ट में मिलेंगे विभिन्न व्यंजन
आठ मंजिला पार्किंग के टैरेस फ्लोर पर कवर्ड फूड कोर्ट बनाया जाएगा। इसमें विभिन्न प्रकार के खाने के स्टॉल स्थापित किए जाएंगे। इन फूड कोर्ट में हिमाचली व्यंजनों के साथ चाइनीज और अन्य व्यंजन भी पर्यटकों को परोसे जाएंगे। इस फ्लोर में वेटिंग रूम और दुकानें भी होंगी। साथ ही पर्यटकों को लुभाने के लिए फाउंटेन भी बनाया जाएगा।
पार्किंग में ये सुविधाएं होंगी विशेष
पार्किंग में आधुनिक लिफ्ट लगाई जाएगी। प्रत्येक फ्लोर में चार लिफ्ट होंगी जिनमें 8-8 आदमियों को एकसाथ ले जाने की क्षमता होगी। प्रत्येक फ्लोर में महिलाओं और पुरूषों के लिए अलग अलग शौचालय बनाए जाएंगे। हर फ्लोर में दो सीढिय़ां होंगी। सीढिय़ों और फ्लोर का सरफेस एंटी स्कीड होगा ताकि फिसलन से लोगों को परेशानियां न उठानी पड़े। पार्किंग में सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे। इसमें मॉडर्न फायर फाइटिंग सिस्टम व सीसीटीवी कैमरे स्थापित किए जाएंगे।
इको फ्रैंडली होगी बिल्डिंग
भवन को इको फ्रैंडली बनाया जाएगा। इसमें सोलर वाटर हिटिंग सिस्टम, सोलर लाइट सिस्टम लगाया जाएगा। इसके अलावा पार्किंग के भवन को सूर्य की रोशनी के हिसाब से डिजाइन किया गया है ताकि ज्यादा से ज्यादा सूर्य की रोशनी भवन के अंदर आ सके। भवन में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगाया जाएगा। जिसके तहत हरेक ब्लॉक के लिए अलग सा वाटर स्टोरेज टैंक बनाया जाएगा।
ड्राइवरों के लिए भी होगी रहने की व्यवस्था
प्रदेश में यह पहली पार्किंग होगी जिसमें वाहनों को खड़ा करने की सुविधा के साथ ड्राइवरों के रहना का इंतजाम भी होगा। पार्किंग के हर फ्लोर में ड्राइवरों के लिए डोरमेटरी बैड मिलेंगे। डोरमेटरी बैड सिस्टम होने से ड्राइवरों को वाहनों में सोने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा साथ ही मंहगे किराए के कमरे भी नहीं लेने पड़ेंगे।
नगर निगम को जाएगी आधी कमाई
पार्किंग के निर्माण के बाद इससे होने वाली आधी आय नगर निगम को दी जाएगी। इससे नगर निगम की आय में भी बढ़ोतरी होगी। इस प्रोजेक्ट को लेकर पर्यटन विभाग ने नगर निगम के हाउस में डिटेल्ड प्रेजेंटेशन दी थी और नगर निगम से इस प्रोजेक्ट को शुरू करने को लेकर अनुमति ली थी। जिसे निगम के हाउस की ओर से सर्वसम्मति से दे दिया गया था।
शहर की सबसे बड़ी और आधुनिक पार्किंग का निर्माण टूटीकंडी के पास किया जा रहा है। 64 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली इस पार्किंग में 700 वाहनों को खड़ा करने की सुविधा होगी।
मोहन चौहान, निदेशक पर्यटन विभाग