कानून की दृष्टि में सभी नागरिक एक समान है, समाज में प्रत्येक नागरिक को अपने अधिकारों व कर्तव्यों के बारे में ज्ञान होना चाहिए। यह बात आज अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्पणा सिंह ने आज दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल शिमला में आयोजित विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुए कही।
अर्पणा सिंह ने बताया कि जिस प्रकार देश की सीमाओं की रक्षा के लिए भारतीय सेना सर्तक रहती है उसी प्रकार न्यायालय भी देश की जनता के अधिकारों के संरक्षण के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने कहा कि समाज के गरीब, बेसहारा, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिला, नाबालिग बच्चे, ओद्यौेगिक कामगार, इत्यादि के हितों की रक्षा के लिए हि.प्र.विधिक साक्षरता प्राधिकरण द्वारा निःशुल्क कानूनी सहायता उपलब्ध करवाई जाती है।
उन्होंने बताया कि न्यायालय द्वारा एक्सीडैंट में घायल व्यक्ति को अस्पताल तक पहुंचाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती, इसलिए एक्सीडैंट होने से सड़क पर घायल व्यक्ति को तुरन्त उपचार के लिए निकटवर्ती अस्पताल में ले जाएं ताकि उसके जीवन की रक्षा हो। डा0 रंजना रॉव ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के लिए चलाई जा रही जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम, जननी सुरक्षा योजना, परिवार कल्याण कार्यक्रम, बेटी है अनमोल, इंदिरा गांधी बालिका सुरक्षा योजना की विस्तृत जानकारी दी। इस अवसर पर चिकित्सा अधीक्षक, डा0रंजना रॉव, डा0 शालिनी, डा0 रजनीश सूद, डा0 आरती, अस्पताल की नर्से तथा आम लोग उपस्थित थे।