
कर्फ्यू में छूट और बाहरी राज्यों से हिमाचलियों को वापस लाना कोरोनामुक्त राज्य होने के मुहाने पर खड़े हिमाचल को मंहगा पड़ गया। सरकार की ओर से बाहरी राज्यों से लोगों को आने की छूट देने के बाद हिमाचल में कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले 3 सप्ताह के दौरान हिमाचल में जितने भी कोरोना संक्रमण के नए मामले आए हैं उनमें से अधिकतर मामले दिल्ली समेत बाहरी राज्यों के हैं। 23 मई तक हिमाचल में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 162 तक पहुंच गया है। जिनमें से 55 लोगों के स्वस्थ होने के बाद घर वापसी हो चुकी है। वहीं 3 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है। कोरोना के मामलों के बढ़ने के साथ सरकार प्रदेश के लोगों के प्रति संजीदा हो गई है, वहीं लाॅकडाउन की अवधी बढ़ने के चलते सरकार की चिंताएं भी बढ़ना शुरू हो गई हैं। इन्हीं चिंताओं को देखते हुए सरकार की ओर से जहां एक तरफ हिमाचल के डेढ़ लाख करदाताओं को सार्वजनिक वितरण योजना के तहत सब्सिडी का लाभ पाने से एक साल के लिए बाहर रखने का फैसला लिया है। वहीं दूसरी ओर उद्योग जगत से जुडे़ उद्यमियों के लिए भी कई रियायतें प्रदान कर इस सेक्टर को मजबूती प्रदान करने का साहसिक कदम उठाया है। इसके अलावा प्रदेश के बाहर बसे हिमाचलियों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेंने चलाने के साथ बाहर फंसे लोगों को परिवहन की बसों के माध्यम से वापस लाया जा रहा है। संक्रमण न फैले इसके लिए अब सरकार ने रेड जोन से आने वाले लोगों को संस्थागत क्वारनटाइन में रखने का अहम फैसला लिया है।
टैलेंट मैपिंग की सराहनिय पहल:
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि कोरोना महामारी के दृष्टिगत प्रदेश में लगाए गए लाॅकडाउन के कारण प्रदेश की आर्थिकी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में आर्थिक गतिविधियां आरम्भ करने के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न भागों से राज्य में हजारों लोग वापस आए हैं और उनकी विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हैं। उन्होंने कहा कि यदि लाॅकडाउन लम्बा चले तो राज्य सरकार ने ऐसे लोगों की टेलेंट मैपिंग करने का निर्णय लिया हैए ताकि वे लोग अपने घर में रहना चाहे तो उनकी सेवाओं का उपयोग प्रदेश हित में किया जा सकता है।
गरीबों को राहत:
लाॅकडाउन की वजह से गरीबों पर बहुत बुरी मार पड़ी हैए इससे उन्हें राहत देने के लिए सरकार ने बीपीएल प्राथमिकता वाले परिवारों के लाभार्थियों के चयन के लिए ऊपरी आय सीमा को बढ़ाकर 45000 रुपये प्रस्तावित किया। इससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम परिवारों की संख्या 1ए50ए000 तक बढ़ जाएगीए जिससे वे 3ण्30 रुपये प्रति किलो गेहूं आटा और 2 रुपये प्रति किलो चावल बहुत ही रियायती दरों पर लेने के लिए पात्र हो जाएंगे। इसके अलावा सरकार ने एपीएल परिवारों को दी जा रही दालोंए खाद्य तेल और चीनी पर सब्सिडी के युक्तिकरण करने का फैसला लिया है ताकि सरकार पर पड़ने वाले आर्थिक बोझ को कुछ हद तक कम किया जाए।
उद्योगों को बढ़ावा:
हिमाचल प्रदेश में 55 हजार एमएसएमई औद्योगिक इकाईयां हैं। औद्योगिक इकाईयों को मिलने वाली बिजली की दरों में राहत के साथ एमएसएमई की नई परिभाषा जिसमें सूक्ष्म वर्ग ;माइक्रो कैटेगिरीद्ध के लिए निवेश की सीमा को 25 लाख रुपये से एक करोड़ रुपये कर दिया गया है तथा टर्न ओवर की सीमा एक करोड़ रुपये तक रखी हैए इससे छोटे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इसी तरह लघु उद्योगों के लिए निवेश सीमा 5 करोड़ रुपये से 10 करोड़ रुपये कर दी है और मध्यम उद्योगों के लिए 10 करोड़ से 20 करोड़ रुपये कर दी गई हैए जिससे उन्हें लाभ होगा। उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि एमएसएमई उद्योगों को 3 लाख करोड़ का कर्जए चार सालों में वापस करना होगा। कर्ज में डूबे लघु उद्योगों को 20 हजार करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगाए किसी तरह की भी गारंटी की आवश्यकता नहीं होगी। इससे उद्यमियों को कच्चे माल की आपूर्ति तथा अन्य खर्चों के लिए धन उपलब्ध हो पाएगा और अपना कारोबार बढ़ा सकेंगे।
छात्रों को आनलाइन प्रवेश और शिक्षा:
लाॅकडाउन के चलते प्रदेश के लाखों छात्रों को नए सत्र में प्रवेश के लिए आनलाइन प्रवेश की सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा छात्रों की शिक्षा के लिए दूरदर्शन में स्पेशल पाठ्यक्रम व आकाशवाणी के माध्यम से भी शिक्षा दी जा रही है। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों को छात्रों की आनलाइन पढ़ाई करवाने और गृह कार्य करने के लिए भी निर्दश दिए गए हैं। यदि लाॅकडाउन की अवधी आगे बढ़ती है तो इसको लेकर भी सरकार की ओर से एडवांस में तैयारियों के रूप में बाहरी से आने वाले लोगों को उनकी दक्षता के हिसाब से काम मुहैया करवाने और मजदूरों को रोजगार देने की दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं।