आरटीआई की अपीलों को निपटाने में हिमाचल राज्य सूचना आयोग पहले नंबर पर है। प्रदेश में दो ही सूचना आयुक्त होने के बावजूद दो माह के भीतर ही अपील का निपटारा कर दिया जाता है। मध्यप्रदेश जैसे बडे राज्यों में जहां पर सूचना आयुक्तों की संख्या 11 है में अपीलों के निपटारे के लिए 60 वर्षों का समय लगेगा। इसके अलावा राज्य सूचना आयोग की ओर से लगाई गई पेनल्टी की रिकवरी भी शत प्रतिशत है जो पूरे देश में किसी भी राज्य की नहीं है। यह खुलासा आरटीआई असेस्मेंट एंड एडवोकेसी ग्रुप की ओर से प्रकाशित पिपुल्स मॉनिटरिंग आफ द आरटीआई रिजाइम इन इंडिया में दिए गए आंकड़ों में हुआ है।
हर माह 92 केस निपटाता है राज्य सूचना आयोग
राज्य सूचना आयाेग प्रतिमाह 92 केस का निपटारा करता है। राज्य सूचना आयोग में दो आयुक्त बैठते हैं। जबकि अन्य राज्यों में आयुक्तों की संख्या 2 से 11 के बीच में है। राज्य में आरटीआई केस की अपीलों की पेंडेंसी 205 है। जो कि पूरे देश में सबसे कम है।
केस निपटाने के राज्यवार आंकडे
राज्य केस पेंडेंसी मंथली केस डिस्पोजल रेट नई अपील सूनने की अवधी
हिमाचल 205 92 2 माह
मध्यप्रदेश 14,977 21 60 वर्ष 10 महिने
वेस्ट बंगाल 8,506 40 17 वर्ष 10 महिने
पंजाब 1484 522 3 महिने
हरियाणा 1537 464 3 महिने
पैनल्टी रिकवरी में भी अव्वल
राज्य सूचना आयाेग ने जनवरी 2012 से नवंबर 2013 तक 71 केसों में पैनल्टी लगाई थी। इन केसों में 4,80,950 रुपए की पैनल्टी लगाई गई थी। जिनमें से सभी पार्टीयों ने पैनल्टी भर दी है इस तरह हिमाचल प्रदेश में पैनल्टी रिकवरी में भी सबसे पहले स्थान में है। जबकि देश में चार राज्य ऐसे भी हैं जहां पर लाखों की पैनल्टी लगने पर भी एक भी रुपए की रिकवरी नहीं हो पाई। इसके अलावा कंपनसेशन में भी राज्य में सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्त किया गया है।
राज्य सूचना आयुक्त केडी बातिश ने बताया कि – पड़ोसी राज्यों पंजाब व हरियाणा में 11-11 सूचना आयुक्त है। हिमाचल में दो ही सूचना आयुक्त है बावजूद इसके समय पर केसों का निपटारा किया जा रहा है। पेनल्टी रिकवरी में भी शत प्रतिशत रिकवरी की जाती है।