आयुर्वेद विभाग में 1203 संस्थान सेवारत- विद्या स्टोक्स

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प्रदेश में वर्ष 1984 में आयुर्वेद विभाग के तहत केवल 441 संस्थान कार्य कर रहे थे जिनकी संख्या बढकर आज 1203 हो गई है तथा विभाग के अधीन 32 आयुर्वेद अस्पताल और एक नेचर केयर यूनिट कार्यरत है। यह जानकारी आज सिंचाई, जनस्वास्थ्य एवं सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री विद्याा स्टोक्स ने राज्य स्तरीय आरोग्य मेले के दो दिवसीय कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि हमारी पारम्परिक चिकित्सा पद्धति, प्राचीन सांस्कृतिक परम्पराओें और आधुनिक जीवनशैली को अपनाकर स्वस्थ जीवन की परिभाषा देती है।
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सरकार द्वारा इस पद्धति को बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होेंने कहा कि मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश वीरभद्र सिंह ने आयुर्वेद के विस्तार के लिए हर अस्पताल में डिस्पैंसरी आयुर्वेदिक चिकित्सा की उपलब्धता सुनिश्चित की है। उन्होंने कहा कि आज आयुर्वैदिक चिकित्सा पद्धति की ओर लोगों का रूझान तेजी से बढ़ रहा है।उन्होंने कहा कि लोगों को इससे लाभान्वित करने के लिए प्राचीन पद्धति पर आधारित दवा निर्माण के कार्य में व्यापक शोध तथा प्रयोगशालाएं विकसित करने पर बल दिया।
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इस अवसर पर आयुर्वेद एवं सहकारिता मंत्री श्री कर्ण सिंह ने बताया कि प्रदेश में 143 आयुर्वेद स्वास्थ्य केंद्रों व अन्य भवनों का निर्माण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि समाज में आयुर्वेद एवं परम्परागत औषधियों को स्थान दिलाने के लिए प्रदेश सरकार पूर्णतया समर्पित हैै। विभाग द्वारा भारत सरकार के साथ आयुष औषधिय पद्धति का उन्नयन करने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन पर कार्य किया जा रहा है जिसके तहत कुशल आयुष सेवाएं, शैक्षणिक संस्थाओं का सशक्तीकरण, आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्ता, नियंत्रण एवं कच्चे माल की दीघ्रकालीन उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

इस अवसर पर आयुर्वेद विभाग के विशेष कार्य अधिकारी डा0 दिनेश कुमार ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया। निदेशक, आयुर्वेद विभाग आर.के.पुरूथी ने आयुर्वेद एवं आयुर्वेद विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यो पर विस्तृत जानकारी दी।उन्होंने बताया कि शहरी विकास विभाग के साथ मिलकर औषधीय पौधों के पार्को के जल्द निर्माण किया जाएगा।

विभाग की संयुक्त निदेशक भावना शर्मा ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में निदेशक, आयुर्वेद विभाग आर.के.पुरूथी, विशेष कार्य अधिकारी डा0 दिनेश कुमार, राजीव गांधी राजकीय स्नात्कोतर आयुर्वेदिक महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं डीन डा0 वाई.के.शर्मा, संयुक्त निदेशक भावना शर्मा,डा.शिवानी सिंह व बड़ी संख्या में आयुर्वेदिक चिकित्सक एवं चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हुए।

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