अब साईकल आैर बेटरी संचालित वाहनों में घूम सकेंगे कैचमेंट एरिया

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shimla catchment area
शिमला रिजर्व सेंचुरी और कैचमेंट एरिया में इको टूरिज्म को बढावा देने के लिए साइकिल के साथ बैटरी संचालित वाहन चलाए जाएंगे। 951 हेक्टेयर एरिया में फैले इस क्षेत्र में डीजल और पैट्राल से चलने वाले वाहनों की अवाजाही पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया है। वन्य प्राणी विंग ने इस क्षेत्र में बैटरी ऑपरेटीड वाहन चलाने को लेकर प्रपोजल तैयार किया है। इस प्रस्ताव पर 8 मई को होने वाली मिटिंग में चर्चा की जाएगी। यहां से अनुमति मिलने के बाद यहां पर पर्यटकों के लिए बैटरी ऑ’परेटीड वाहन चलाकर इको टूरिज्म को बढावा दिया जाएगा। इस क्षेत्र में इको टूरिज्म को बढावा देने के लिए पर्यटन विभाग ने भी द कैचमेंट पिकनिक वाइल्ड लाइफ टूअर पैकेज तैयार किया है। इससें इस क्षेत्र में घूमनेे और पिकनिक बनाने का कार्यक्रम शामिल किया है।
पर्यावरण को बचाने को लिया फैसला:
कैचमेंट एरिया में विभिन्न दुर्लभ वन्य प्राणी और पेड़ पौध मौजूद हैं। यहां की वन संपदा और वन्य प्राणियों को डीजल और पैट्राल से चलने वाले वाहनों की वजह से वायु प्रदुषण और ध्वनि प्रदूषण से विपरित असर पड़ सकता है। इसलिए वन्य प्राणी विंग ने इस स्थान में इको फ्रैंडली वाहन साइकिल और बैटरी ऑ’परेटीड वाहन चलाने का फैसला लिया है। इनसे न ही तो वायु प्रदूषण होगा। इन वाहनों से ध्वनि प्रदुषण नहीं होता है। इससे वन्य प्राणियों को परेशानी नहीं उठानी होगी।
पर्यटकों के खाने पीने की भी होगी व्यवस्था:
वन्य प्राणी विंग के अधिकारियाें का कहना है कि कैचमेंट एरिया में इको टूरिज्म को बढावा देने के लिए पर्यटकों के खाने पीने की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए यहां पर रेस्टोरेंट खोलने के बारे में भी विचार किया जा रहा है। ताकि पर्यटकों काे खाने पीने की वस्तुएं मिल सके।
इसलिए प्रसिद्ध है कैचमेंट एरिया
भारत तिब्बत रोड के साथ सटा कैचमेंट एरिया 951 हेक्टेयर में फैला हुआ है। यहां पर पानी के कई स्त्रोत हैं जो शिमला शहर के लिए पानी की आपूर्ती करते हैं। इसके अलावा यह क्षेत्र फ्लोरा और फोना के लिए भी प्रसिद्ध है। यहां पर एशिया का सबसे घना देवदार का जंगल है। इसके अलावा यहां पर सफेद अोक, ग्रीन ओक, चीड़, पाइन, ब्लू पाइन, ब्रांस और अन्य कई प्रकार के पेड़ और पौधे व जड़ी बुटियां मौजूद हैं। वहीं इस क्षेत्र में वन्य प्राणियों की भी कई किस्में पाई जाती हैं। इनमें तेंदुआ, घोरल, लंगूर, लैपर्ड कैट, पोक्यूपाइन, गिलहरी के अलावा कई प्रकार के वन्य जीव मौजूद हैं।
शिमला रिजर्व सेंचुरी एंड कैचमेंट एरिया में साइकिल की संख्या को बढाने के साथ बैटरी अॉ’परेडिट वाहन चलाए जांएगे। इसके अलावा यहां पर इको टूरिज्म काे बढावा देने के लिए पर्यटकों के खाने पीनेे का भी प्रबंध किया जाएगा।
जेएस वालिया, पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ

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