अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस के अवसर पर विभिन्न स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम

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अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस के अवसर पर आज शिमला के विभिन्न स्कूलों में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर केंद्रीय विद्यालय जाखू में छात्रों को सम्बोधित करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश तोमर ने कहा कि नशीले पदार्थो का सेवन स्वास्थ्य के लिए घातक है, नशा धन व बुद्धि को नष्ट कर देता है। विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन का स्वर्णिम समय माना जाता है, जिससे जुड़ी यादें उम्र के हर पड़ाव में आदमी को तरोताजा कर देती है। वर्तमान समय में विद्यार्थी विभिन्न प्रकार के नशे के आदि बनते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में विभिन्न प्रकार के नशों से बचाना अभिभावको तथा अध्यापकों का सामुहिक दायित्व है।

उन्होंने बताया कि छात्रों को नशीले पदार्थाे से दूर रखने के लिए शिक्षण संस्थान के 200 मीटर के दायरे में नशीले पदार्थाे की बिक्री पर कानूनन प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों द्वारा नशीले पदार्थो का सेवन दोस्तों व रिश्तेदारों के बहकावे से आरम्भ होता है तथा बार-बार इन पदार्थाें का सेवन करने से उसकी आदत बन जाती है, जिसे बाद में छोड़ना कठिन हो जाता है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अर्पणा शर्मा ने राजकीय उच्च पाठशाला चौड़ा मैदान शिमला में नशीले पदार्थों का सेवन न करने के प्रति आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में कहा कि समाज में फैल रही नशावृति को रोकने के लिए प्रत्येक नागरिक का दायित्व है कि वह न केवल स्वयं नशीले पदार्थो से दूर रहे, अपितु सम्पर्क में आने वाले लोगों को भी नशीले पदार्थो के सेवन से रोके।

उन्होंने कहा कि आज समाज में असमाजिक तत्व की सक्रियता से नशीले पदार्थाें का व्यापार फैल रहा है, जिसके निवारण के लिए प्रत्येक नागरिक की सहभागिता अत्यंत आवश्यक हो गई है। इस अवसर पर स्कूली छात्रों द्वारा प्रस्तुत नशीले पदार्थाें से सम्बन्धित प्रश्नों के उत्तर देकर समाधान किया गया। प्रधानाचार्य केंद्रीय विद्यालय संजय मिश्रा, राजकीय उच्च पाठशाला चौड़ा मैदान के मुख्य अध्यापक राजेश कुमार ने भी नशीले पदार्थाें के सेवन से बचाव बारे बच्चों को जागरूक किया। जागरूकता कार्यक्रम में स्कूल के अध्यापकों व छात्रों ने भाग लिया।

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